देशभर के किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016 में की गई. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि देश के किसान को फसल सुरक्षा दी जा सके. जब प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है, तो इस योजना के तहत किसानों को उस नुकसान की क्षतिपूर्ति दी जाती है.
फिलहाल इस योजना को कई राज्य लागू करने से मना कर रहे हैं. इस सूची में बिहार के अलावा अब एक और राज्य शामिल हो गया है.
इस राज्य ने बंद की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (This state closed the PMFBY)
झारखंड राज्य ने वित्त वर्ष 2020–21 में इस योजना को बंद करने का फैसला लिया है. इसके बाद अब राज्य के किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.
क्या है मुख्य कारण? (What is the main reason?)
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने पिछले 3 सालों में पीएम फसल बीमा योजना के तहत लगभग 466 करोड़ रुपये का प्रीमियम भरा है.
मगर प्राकृतिक कारणों से पिछले 3 सालों में नुकसानी फसल पर लगभग 77 करोड़ रुपए ही दिए गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना से किसानों को अधिक लाभ नहीं हो रहा है.
पीएम फसल बीमा योजना की जगह नई योजना की शुरुआत (New scheme launched in place of PM Fasal Bima Yojana)
झारखंड के किसानों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए बिहार की तरह ही किसान राहत कोष बनाया है. इस योजना के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि भी दी गई है. इसके तहत किसानों को फसल नुकसानी होने पर प्रति हेक्टेयर एक मुश्त राशि दी जाएगी.
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पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव (Changes in PM crop insurance scheme)
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव किए हैं. अब किसान को इस योजना के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. अगर किसान खरीफ और रबी फसल बीमा करना चाहते है, तभी उसको पीएम फसल बीमा योजना से जोड़ा जाएगा. इसके प्रीमियम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस योजना के तहत खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसल के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी के लिए 5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होता है.