केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए अब ज्यादा डॉक्यूमेंट न लेकर सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति लोन के लिए आवेदन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक किसान के खेत का कागजात देखेंगे और उसकी कॉपी लेंगे. दूसरा निवास प्रमाण पत्र लेंगे ताकि वो ये सुनिश्चित कर सके की किसान कहां का स्थायी निवासी है और तीसरा आवेदक किसान का शपथ पत्र लेंगे ताकि वो ये पता कर सके की उसका किसी और बैंक में लोन बकाया नहीं है. उन्होने कहा कि सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री शेखावत ने कहा कि, हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की कवरेज बढ़े. क्योंकि, अभी यह लगभग 50 फीसद किसानों तक ही सीमित है. देश में 14 करोड़ किसान परिवार हैं, जिसमें से 7 करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड (KCC ) है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
शेखावत ने बताया कि राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में जगह – जगह कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाएं. मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखा है. इसे हमने पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी खोल दिया है. इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम 2 लाख रुपये तक मिलेंगे जबकि कृषि के लिए 3 लाख रुपये तक मिलते हैं.
कृषि ऋण
अगर आपके पास खेती-किसानी करने के लिए ज़मीन है तो आप अपनी जमीन को बिना गिरवी रखे लोन ले सकते हैं. इसकी सीमा 1 लाख रुपये है. 1 लाख रुपये से ज्यादा के लोन पर जमीन गिरवी रखने के साथ-साथ गारंटर (जमानतदार ) भी देना होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आरबीआई (RBI ) ने बिना गारंटी वाले कृषि ऋण की सीमा बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये कर दी है. लेकिन बैंक में इसे लागू करने में अभी वक्त लेगा. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी होगा.