Onion Storage Subsidy: बिहार सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और फसल नुकसान को कम करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब प्याज किसानों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत प्याज का भंडारण करने के लिए आधुनिक संरचना विकसित करने पर किसानों को 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी. राज्य सरकार ने इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया है.
क्यों जरूरी है प्याज भंडारण संरचना?
खबरों के अनुसार, राज्य में प्याज भंडारण के लिए समुचित संरचना की कमी है. इसके कारण किसान मजबूरी में अपनी उपज सस्ते दामों पर बेचने को विवश होते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है. उचित भंडारण की सुविधा न होने से फसल सड़ने और खराब होने का खतरा भी बना रहता है. इस नई योजना से किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने और बेहतर बाजार मूल्य मिलने में मदद मिलेगी.
22 जिलों में होंगे प्याज भंडारण केंद्र
राज्य सरकार द्वारा दी जा रही यह सुविधा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र सरकार की सहायता से लागू की जा रही है. वर्ष 2025-26 में पहले चरण में राज्य के 22 जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है. इनमें भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, नवादा, सारण, शेखपुरा, सीवान, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, खगड़िया, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर और वैशाली शामिल हैं.
कितना मिलेगा अनुदान?
प्याज भंडारण संरचना के निर्माण पर किसानों को अधिकतम 6 लाख रुपये की लागत पर 75% यानी 4.50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. यह राशि दो किस्तों में किसानों के खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी जाएगी.
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन के लिए (http://horticulture.bihar.gov.in) वेबसाइट पर जाना होगा. आवेदन स्वीकृत होने के बाद किसानों को 15 दिनों के भीतर संरचना निर्माण का कार्य शुरू करना अनिवार्य होगा. समय पर कार्य प्रारंभ न करने की स्थिति में आदेश निरस्त किया जा सकता है.
किन किसानों को प्राथमिकता?
- योजना के अंतर्गत प्राथमिकता उन किसानों को दी जाएगी जो प्याज की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं.
- साथ ही किसान समूह, एफपीओ (FPO) और कृषि उत्पादक संघ भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
किसानों के लिए फायदे
- भंडारण की सुविधा मिलने से किसानों को फसल तुरंत बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी.
- बाजार में अच्छे दाम मिलने तक प्याज को संरक्षित रखा जा सकेगा.
- सड़ने और बर्बादी की संभावना घटेगी.
- किसानों की आमदनी में सुधार होगा.