Protected Farming Scheme: किसानों की आय बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए संरक्षित खेती योजना (राज्य योजना) 2024-25 शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ना है ताकि वे अपने खेतों में उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगा सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें. इस योजना में मलचिंग, शेडनेट, पॉलीहाउस जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाता है, जिनसे कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार हो सके.
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को भारी अनुदान देने का फैसला लिया है, जिससे उन्हें इन नवीनतम तकनीकों का लाभ आसानी से मिल सके. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
संरक्षित खेती योजना के अंतर्गत किसानों को मिलती है ये सहायता
संरक्षित खेती योजना के तहत कई घटकों को लागू किया जा रहा है, जिनसे किसानों को बेहतर खेती के अवसर मिल रहे हैं. इन घटकों में अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण (FLD), मलचिंग, शेडनेट, पॉलीहाउस और गुलाब की खेती प्रमुख हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को उन्नत खेती के तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी आय को बढ़ाना है.
अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण (FLD) में मिल रहा है 75 प्रतिशत अनुदान
इस योजना के तहत सबसे पहले अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण (FLD) शुरू किया गया है, जो राज्य के 15 जिलों में लागू किया जा रहा है. इस घटक के तहत किसानों को 2000 वर्ग मीटर भूमि पर 75 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है, जिससे वे बेहतर खेती के तरीके अपना पा रहे हैं. FLD योजना में जिन जिलों को शामिल किया गया है, उनमें अवल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, नवादा, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान और सुपौल शामिल हैं.
मलचिंग तकनीक से मिल रही है जल संरक्षण में मदद
संरक्षित खेती योजना में मलचिंग तकनीक का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जिसका कार्यान्वयन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है. मलचिंग के जरिए किसानों को जल संरक्षण और भूमि की उर्वरता बनाए रखने में मदद मिलती है. इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 32,000 रुपये की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है, यानी 16,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का लाभ मिल रहा है.
शेडनेट तकनीक से बेहतर फसलें उगाने का मौका
संरक्षित खेती योजना के तहत शेडनेट तकनीक भी किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके द्वारा वे अपनी फसलों को धूप और बारिश से बचाकर बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं. इस योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ग मीटर 710 रुपये की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है, यानी किसानों को 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर का लाभ मिल रहा है.
इसके साथ ही, शेडनेट में उच्च मूल्यवर्धित सब्जी की खेती करने के लिए भी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है. इस योजना से किसान सब्जी की खेती में बेहतर परिणाम प्राप्त कर रहे हैं.
पॉलीहाउस और गुलाब की खेती से किसानों की आय में वृद्धि
संरक्षित खेती योजना के तहत पॉलीहाउस तकनीक भी किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है. यह तकनीक किसानों को नियंत्रित वातावरण में फसल उगाने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे किसी भी मौसम में अपनी फसल उगा सकें.
पॉलीहाउस की लागत 935 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है, जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान, यानी 467.50 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिल रहा है. इसके अलावा, पॉलीहाउस या शेडनेट में गुलाब की खेती करने के लिए भी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है. इससे गुलाब की खेती करने वाले किसानों को भी अधिक लाभ मिल रहा है.
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू
संरक्षित खेती योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. बिहार सरकार ने इसके लिए एक सरल और पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया शुरू की है. इच्छुक किसान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लिंक- पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे.