आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इन दिनों सियासी गलियारों में सरगर्मी थोड़ी तेज हो गई है. राजनीतिक पार्टियां सियासी जमीं पर अपनी पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाते हुए ऐतिहासिक ऐलान कर रही हैं. अब इसी कड़ी में तेलंगाना सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है. शुक्रवार को राज्य सरकार ने 11 दिसंबर 2018 तक किसानों का 1 लाख रुपये के कृषि ऋण माफ करने का प्रस्ताव किया है. सूबे के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 2019-20 के लिये लेखानुदान बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘इसके लिये (कृषि ऋण माफी के लिए) 6 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 'तेलंगाना राष्ट्र समिति' ने राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था."
प्रति माह 3,016 रुपए का बेरोजगारी भत्ता
इसके अलावा सरकार ने 'रायतु बंधु' योजना के अंतर्गत किसानों को दी जाने वाली वित्तीय मदद बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके अंतर्गत किसानों को प्रति वर्ष 8 हजार रुपये को बढ़ाकर 10 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान ही मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने वादा किया था कि 'रायतु बंधु' योजना के तहत वित्तीय मदद को प्रति वर्ष 8,000 रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति एकड़ कर दिया जाएगा.
बेरोजगारी भत्ता
तेलंगाना सरकार ने राज्य के योग्य लोगों को प्रति माह 3,016 रुपए का बेरोजगारी भत्ता देने की भी घोषणा की.
'आसरा पेंशन'
वृद्धों, विधवाओं, अविवाहित महिलाओं, बीड़ी कामगारों, फिलारियासिस के मरीजों, हथकरघा कामगारों आदि को मिलने वाले 'आसरा पेंशन' की राशि एक हजार रुपये से बढ़ाकर 2,016 रुपये प्रति माह तथा दिव्यांग लोगों का पेंशन 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3,016 रुपये प्रति माह करने की भी घोषणा की गई है.
वैसे तो तेलंगाना सरकार ने बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ ऐलान किया है लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों को राहत पहुंचाकर मुख्य्मंत्री चंद्रशेखर राव की सरकार ने मास्टरस्ट्रोक चल दिया है.