किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है. दरअसल कृषि विभाग की फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र (Crop Residue Management Equipment) और फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) की स्थापना के लिए सब्सिडी योजना में पंजीकरण (Registration in Subsidy Schem ) शुरू हो गया है. हालांकि, पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर लक्ष्य की सीमा तक अनुदान स्वीकृत किया जाएगा.
खबरों के मुताबिक, प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्राम रेज्ड्यू योजना के तहत पंजीकृत किसानों को 50 से 80% तक अनुदान मिलेगा. विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है.
कंबाइन हार्वेस्टर, हैपी सीडर पर 50% सब्सिडी (50% Subsidy on Combine Harvester, Happy Seeder)
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, उप कृषि निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि योजना के तहत कृषि यंत्र सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, कंबाइन हार्वेस्टर, हैपी सीडर, पैडी स्ट्रा चापर/श्रेडर मल्चर, सब मास्टर/मटर कम स्प्रेडर, रोटरी स्लेशर, रिवरसेबिल एमबी, प्लाऊ, जीरो-टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, काप रीपर ट्रैक्टर माउटिंड/सेल्फ प्रोपेल्ड, रीपर कंबाइंडर सेल्फ रोपल्ड व स्ट्रा रेक पर 50% सब्सिडी है.
फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर 80% सब्सिडी (80% Subsidy on Farm Machinery Bank)
इसके अतिरिक्त पंजीकृत किसान समितियों, एफपीओ व पंजीकृत एनआरएलएम के समूहों को 05 से 15 लाख की परियोजना के फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) की स्थापना पर 80% सब्सिडी देय है. उप कृषि निदेशक ने बताया कि इच्छुक किसान, समूह या समिति सब्सिडी का लाभ पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर पाने के लिए विभाग की वेबसाइट से टोकन प्राप्त कर लें. लिंक पर जाकर किसान स्वयं टोकन जेनरेट कर सकते हैं. 10001 से रूपये 10,00,00 तक सब्सिडी के कृषि यंत्र हेतु जमानत धनराशि 2500 व 10,00,00 से ऊपर के अनुदान पर 5,000 रुपये जमानत धनराशि टोकन में बताई गई बैंक में निर्धारित तिथि तक जमा करनी होगी.
कृषि यंत्र खरीदने पर ही मिलेगा सब्सिडी (Subsidy will be Available only on Buying Agricultural Machinery)
टोकन पर अंकित निर्धारित अवधि में कृषि यंत्र खरीद कर बिल विभागीय वेबसाइट https://upagriculture.com/ पर अपलोड करना होगा. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इम्पेनल्ड कृषि यंत्रों के निर्माताओं की जारी सूची के अनुसार कृषि यंत्र खरीदने पर ही सब्सिडी मिलेगा.
यह सूची विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध है. इस संबंध में कृषि विभाग के संबंधित तहसील स्तरीय उप संभागीय कृषि अधिकारी के कार्यालय व जनपद स्तर पर उप कृषि निदेशक के कार्यालय से अधिक जानकारी मिल सकती है.