पपीते का फल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसे लोग चमत्कारी फल भी कहते हैं, क्योंकि इसके सेवन से कई रोगों का खात्मा होता है. इसके औषधीय गुणों और बाजार में बढ़ती डिमांड को लेकर कई राज्यों के किसान इसकी खेती कर रहे हैं.
भारत के बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, मिजोरम जैसे कई राज्यों में पपीते की खेती की जाती है. राज्य सरकारें भी पपीते की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चला रही हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने पपीते की खेती के लिए 75 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की है.
क्या है सरकारी योजना-
बिहार सरकार एकीकृत बागवानी योजना के तहत पपीता की खेती के लिए 75% सब्सिडी दे रही है. सरकार ने एक हेक्टेयर में पपीता की खेती के लिए 60000 रुपए की लागत निर्धारित की है. जिस पर 75 प्रतिशत यानी 45000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा. यह योजना दो साल की होती है. जिसमें पहले साल 75 फीसदी और दूसरे साल 25 फीसदी का अनुदान दिया जाता है. योजना की राशि अलग-अलग किश्त में किसानों को भेजी जाती है. बता दें, इस योजना के तहत आंवला, बेर, जामुन, बेल, कटहल, अनार आदि की खेती पर भी 50% तक अनुदान दिया जाता है.
इन्हें मिलेगा लाभ-
योजना का लाभ लेने के लिए राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए. आवेदक का किसान होना जरुरी है. आवेदक के पास अपनी जमीन होनी चाहिए.
योजना का लाभ लेने के लिए जरुरी दस्तावेज-
योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोट साइज फोटो, एलपीसी या जमीन की कैरेंट रसीद, पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, खेती का विवरण, बैंक पासबुक की डिटेल्स जमा करनी होगी. वहीं इन सब के ओरिजनल दस्तावेज अपने पास रखना होगा.
कैसे करें आवेदन-
बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत पपीते की खेती पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा. इसके अलावा आप नजदीकी कृषि या बागवानी विकास कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
पपीते की खेती साल के 12 महीने की जा सकती है, इसके लिए दोमट मिट्टी जिसका पीएच 6.5 से 7.5 के बीच हो, उपयुक्त होती है. पपीते के पौधों को विकास के लिए 38 डिग्री सेल्सियस से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान उपयुक्त होता है. आप एक हेक्टेयर में 2250 पेड़ लगा सकते हैं, जिनसे 900 क्विंटल पपीते की पैदावार होती है. किसान पपीते की खेती से लाखों की कमाई कर सकते हैं.
इस खेती में बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लेकर लागत घटाई जा सकती है. पपीते के अलावा किसान आम व अमरूद का बगीचा भी तैयार कर आर्थिक रुप से समृद्ध हो सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.