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Updated on: 7 February, 2023 12:00 AM IST
गोबरधन योजना

देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण भारत का योगदान बहुत ही अहम है. लोग खेती के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. या यूं कहें कि खेती और पशुपालन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. खेतों के अवशेष को पशुओं के चारे के रुप में उपयोग में लाया जाता है वहीं पशुओं के अवशिष्ट को खेतों में खाद के रुप में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता में सुधार होता है. इसके अलावा आज के इस आधुनिक युग में गोबर से आमदनी को दोगुना किया जा रहा है. गोबर से कई उत्पाद तैयार किए जा रहे है और साथ ही बायों-गैस प्लांट के माध्यम से ईंधन बनाया जा रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने बजट सत्र के दौरान गोवर्धन योजना यानि गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपए के बजट से 500 नए वेस्ट टू वेल्थ प्लांट लगाने की घोषणा की है.

गोबरधन योजना से बढ़ेगी आय

गोबर धन योजना को बढ़ावा देने के लिए वेस्ट टू वेल्थ योजना से 500 नए गोबर प्लांट लगाने की घोषणा की गई है, जिसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. बता दें कि इनमें से 200 कंप्रेसर बायोगैस प्लांट शहरी इलाकों में और 300 प्लांट कम्युनिटी आधारित स्थापित किए जाएंगे. जिसका प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण भारत में साफ सफाई और पशुओं के अवशिष्टों को एक सुनियोजित तरीके से उपयोग में लाकर वेस्ट से पैसा और ऊर्जा का निर्माण करना है. जिससे गांव की आजीविका में सुधार हो सके और लोगों के लिए गांव में ही रहकर आय के नए अवसरों को खोला जा सके.

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राज्य सरकार भी दे रही बढ़ावा

गांवों में रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सामने आ रही हैं, जिसके लिए वह राज्य में कई योजनाएं चला रहीं हैं. जिसमें से एक है छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही गोधन न्याय योजना. जिसके तहत राज्य की महिलाओं को गोबर के औद्योगिकीकरण और इससे उत्सर्जित गैस के आय के स्त्रोत में वृद्धि हो रही है.

English Summary: 10 thousand crore rupees fund for Gobardhan scheme, target to set up 500 new waste to wealth plants
Published on: 07 February 2023, 11:49 IST

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