GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 2 March, 2019 4:00 PM IST
Pineapple farming

अनानास ब्राजील मूल का पौधा होता है. यह एक ऐसा फल है जिसको आप कभी भी ताजा काटकर खा सकते है. यह कईं तरह के पोषक तत्वों से भरा हुआ फल है, जो शरीर के अंदर मौजूद कईं तरह के विष को बाहर निकालने का कार्य करता है. इसका तना काफी ज्यादा छोटा होता है और इसकी गांठे काफी ज्यादा मजबूत भी होती है. अनानास का तना प्रायः पत्तियों से भरा हुआ होता है और यह पूरी तरह से गठीला होता है. अनानास में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है और यह शरीर को कई तरह की ऊर्जा भी प्रदान करता है.

अनानास की खेती

अनानास की खेती अनेक प्रकार की जलवायु में आसानी से की जा सकती है. फिर भी इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी होती है. इसके लिए 5 से 6 पीएच मान वाली पानी की पाइप लाइन को काफी अच्छा माना जाता है. जैवांश बाहुल्य मृदा इसके लिए काफी बेहतर मानी गई है. इसकी खेती के लिए 15 से 33 डिग्री का तापमान बेहतर माना जाता है. अगर देश की बात करें तो हमारे यहां पर पश्चिमी समुद्री तटीय क्षेत्र और उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों में समुद्र तट से 1 हजार से 2 हजार फुट की ऊंचाई पर इसको उगाते है. राज्य मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो उत्पादन कम ही है. इसके अलावा यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा जगहों पर इसे आसानी से उगाया जाता है.

बुआई का समय

अनानास की खेती के बारे में बात करें तो इसको बरसात के दिनों में उगाया जाता है. दरअसल उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों में वर्ष भर पर्याप्त मात्रा में मृदा में नमी बनी रहती है. मैदानी भागों में खेती करने से पूर्व मिट्टी व खेत को अच्छे से जोत लें. पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी सीढ़ीदार खेती की जाती हैं. इसकी खेती के लिए इसको बराबर एक कतार से दूसरी कतार में लगाने का कार्य करें. इसको भूमि में 10 सेटींमीटर छोटे रोपे में बोये. भूमि में पौधा सीधा लगाये और उसके कालिका भाग में मिट्टी न भरें. भारत में अधिक दूरी पर कुल 15 से 20 हजार पौधे प्रति हेक्टेयर लगाकर लगभग 10 से 15 टन आसानी से उपज प्राप्त होती है. पौधे से पौधे की दूरी कुल 25 सेमी और कतार की दूरी 60 सेमी पर रखें. इनको 10 सेमी की गहराई में रोपे. पौधों को एक सप्ताह छाया में सुखाए और पत्तियों को अलग कर दें.

कटाई और तुड़ाई

सामान्य रूप से पौधों को रोपने में लगभग 15 से 18 महीने में फूल आते है. पुष्पन के लगभग 4-5 महीने बाद फल लगने लगते है.अनानास का फल शर्करा बाहुल्य होता है और विटामिन बी, सी, ए का सर्वोत्तम स्त्रोत माना जाता है. फल की गुणव्तता शर्करा तथा फल के रस में प्राप्त होने वाले अम्लों पर पूरी तरह से निर्भर होती है. जब फूल 80 प्रतिशत तक परिप्कव हो जाए तब आप आसानी से इनको पेड़ों से तोड़ सकते है. लेकिन खाने के लिए पूरी तरह से पकने के बाद ही इनका सेवन करना चाहिए.

भंडारण

अनानास के फलों को अधिक समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता है. इसीलिए तोड़ने के कुल 4 से 5 दिनों के अंदर ही इसको खा लेना चाहिए. फल कटाई करने के बाद काट-छाटं करके अच्छे से टोकरी में रखें.

English Summary: This method of pineapple cultivation
Published on: 02 March 2019, 04:04 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now