गर्मियों में किसान कई प्रकार की सब्जियों की बुवाई करता है. ऐसे में किसानों को सब्जियों की खेती की पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि फसल का उत्पादन अधिक प्राप्त हो सके. किसानों को सब्जियों की फसलों में सिंचाई कब और कैसे करनी है, इस विषय की भी पूरी जानकारी अच्छी तरह होनी चाहिए. इस तरह फसल का उत्पादन और गुणवत्ता, दोनों में बढ़ोतरी होती है. बता दें कि सब्जियों का 10 प्रतिशत से अधिक भाग पानी का बना होता है. इसके माध्यम से पौधों में पोषक तत्व पहुंचते हैं, इसलिए किसानों को सिंचाई संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी जरूर होनी चाहिए. आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं कि सब्जियों की खेती में सिंचाई का क्या महत्व है? इसके साथ ही सब्जियों की खेती में कौन-सी विधि से सिंचाई करनी चाहिए.
टमाटर (Tomatoes)
अगर टमाटर की फसल में फूल आते समय मिट्टी में नमी कम हो जाए, तो फूल झड़ने लगते हैं. इससे टमाटर का आकार छोटा रह जाता है. इसके साथ ही अधिक सिंचाई से भी टमाटर सड़ने लगते हैं. बता दें कि टमाटर की फसल में सिंचाई की अवस्थाएं होती हैं.
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फूलों के आते समय
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फलों के विकास के समय
बैंगन (Eggplant)
बैंगन की फसल में पानी की कमी हो जाए, तो फूल सड़ने लगते हैं. इसके साथ ही फल का आकार ही रंग सही से विकसित नहीं होता है. बैंगन की फसल में सिंचाई की क्रांतिक अवस्थाएं हैं.
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फूल आते समय
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फल आने के समय
खरबूजा और तरबूज (Melon and Watermelon)
खरबूज और तरबूज की खेती में समय रहते सिंचाई कर देनी चाहिए. इसकी सिंचाई के लिए क्रांतिक अवस्थाएं हैं-
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लता विकास के समय
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फल आने पर
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फल विकास के समय
ध्यान दें कि खरबूज और तरबूज में फल पकते समय सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि इससे फलों की त्वचा फट जाने का खतरा बना रहता है.
मिर्च (Chilli)
अगर मिर्च की फसल में सिंचाई समय रहते न की जाए, तो फूल और फल गिरने लगते हैं. इसकी सिंचाई के लिए क्रांतिक अवस्थाएं हैं-
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फूल आने पर
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फल निषेचन के बाद
सब्जियों की सिंचाई की उन्नत तकनीक (Advanced Technique Of Vegetable Irrigation)
किसान सब्जियों की खेती करते समय कई प्रकार से सिंचाई करते हैं. आज हम आपको सिंचाई की कुछ उन्नत तकनीक के विषय में बताने जा रहे हैं, जो कि सब्जियों की खेती में अपनानी चाहिए.
स्प्रिंकलर (छिड़काव या फव्वारा) विधि से सिंचाई
किसान मटर, पालक और सब्जियों की पौधशाला में इस विधि को अपनाकर सिंचाई कर सकते हैं. बता दें कि इस विधि में छिड़काव द्वारा सिंचाई की जाती है.
टपक विधि से सिंचाई
टपक (बूंद–बूंद) सिंचाई विधि में फसल के हर एक पौधे की जड़ों में ड्रिपर द्वारा पानी दिया जाता है. इस विधि में पानी कम लगता है. इस विधि से सिंचाई करने पर नमी बरकरार रखी जा सकती है, जो कि सब्जी उत्पादन के लिए बहुत अच्छा है.
मल्च या पलवार से सिंचाई
यह विधि सब्जियों की सिंचाई करने के लिए बहुत लाभकारी है. बता दें कि सब्जियों के लिए कार्बनिक और प्लास्टिक मल्च, दोनों ही प्रभावशाली माने जाते हैं. यह पानी की बचत के लिए बहुत उपयोगी है. इन मल्चों से सब्जियों में करीब 30 से 40 प्रतिशत तक पानी की बचत हो सकती है.