किसानों के लिए फसल की कटाई के बाद उनका सुरक्षित भंडारण करना बहुत ज़रूरी है. अगर फसलों का उचित ढंग से भंडारण न किया जाए, तो किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस वक्त किसान गेहूं, सरसों, चना, अलसी समेत कई फसलों की कटाई कर चुके हैं. इसके बाद किसानों को फसलों भंडारण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. इसी कड़ी में यूपी के बुलंदशहर जिले के एग्रीकल्चर कॉलेज के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि इस वक्त किसानों को गेहूं भंड़ारण पर सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी है.
कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक...
किसानों को गेहूं भंडारण करते समय सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि फसल के खराब होने का खतरा जितना खुले खेत में होता है, उतना ही फसल का भंडारण करते समय भी होता है. अगर किसानों ने गेहूं भंडारण में थोड़ी भी लापरवाही की, तो उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो सकती है. कृषि वैज्ञानिक की सलाह है कि गेहूं का भंडारण करते समय कई तरह के कीट, फंगस और सीलन लगने का खतरा होता है, इसलिए किसानों को इस पर खास ध्यान देना चाहिए.
गेहूं भंडारण का सबसे बड़ा दुश्मन खपरा बीटल
कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि गेहूं में सबसे ज्यादा खपरा बीटल यानी घुन लगने का खतरा रहता है. यह फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता है. अगर फसल में घुन लग जाए, तो अनाज से पाउडर निकलना शुरू हो जाता है, जोकि गेहूं को खोखला बना देता है. ऐसे में अनाज भंडारण से पहले कुछ खास उपचार कर लेना चाहिए.
खपरा बीटल से गेहूं का बचाव
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सबसे पहले गेहूं को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें.
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ध्यान रहे कि गेहूं में 10 प्रतिशत से ज्यादा नमी न रहे.
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जिस स्थान पर गेहूं का भंडारण करना है, उस स्थान को भी उपचारित करना ज़रूरी होता चाहिए. इसके लिए मैलाथियान के एक भाग को लगभग 100 भाग पानी में मिला लें. इसका अच्छी तरह छिड़काव कर दें.
अन्य कीट
कुछ कीट गेहूं की बालियों पर अंडा देते हैं, जिस कारण गेहूं को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. बता दें कि गेहूं भंडारण वाले स्थान पर खलिहान या कूड़े-करकट में छिपे कीट भी पहुंच सकते हैं. इसके अलावा गेहूं को ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली में छिपे कीट भी भंडारण वाले स्थान में प्रवेश कर सकते हैं. इसके साथ ही पुराने बोरों में भी मौजूद कीट गेहूं तक पहुंच सकते हैं.
कीटों से अनाज का बचाव
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गेहूं भंडारण वाला स्थान पक्का बना होना चाहिए.
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गोदाम में दरारें या छेद हैं, तो उन्हें सीमेंट से बंद कर देना चाहिए.
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गोदाम को सबसे पहले अच्छी तरह साफ कर लें. इसको लल्फास या फासराक्सीन के धुआं से उपचारित कर सकते हैं.
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अनाज की बोरियों को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए.
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अनाज रखने का प्लेटफॉर्म जमीन से कम से कम 10 से 12 इंच ऊपर होना चाहिए.
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गोदाम में अनाज भरने के बाद दरवाजे और खिड़कियां बंद कर देना चाहिए.