खजूर के पौधे में नर और मादा फूल अलग-अलग पौधों पर आते हैं. एक बीज पत्री होने के कारण खजूर के पौधे कायिक प्रवर्धन (vegetative propagation) के अन्य तरीकों जैसे ग्राफ्टिंग (कलम बांधना) विधियों द्वारा तैयार नहीं किए जा सकते हैं. इसका प्रसारण बीज, ऑफशूट (सकर्स) व टिश्यू कल्चर तीन विधियों से किया जाता है.
बीज द्वारा खजूर पौधे तैयार करें (Prepare Date Palm plant from seed)
बीज द्वारा तैयार पौधों में फल कम गुणवत्ता के व देर से आते हैं. इसके डायोसियस (एकलिंगी) होने से बीजू पौधे से विकसित पेड़ों में लगभग आधे नर व आधे मादा हो सकते हैं. नर पौधे पर फल नहीं लगते वह उसकी गुणवत्ता तो भिन्न होती ही है.
इस प्रकार पौधों में फूल व फल आना शुरू होने से पहले उनके नर व मादा का पता नहीं चल पाता है. बीज से तैयार पौधों की उपज में भी समानता नहीं रहती है. इस कारण खजूर के पौधों का प्रवर्धन अच्छी गुणवत्ता वाले मादा मातृ पेड़ों के ऑफशूट द्वारा किया जाता है.
ऑफशूट द्वारा खजूर पौधे तैयार करें (Prepare Date Palm plant from Offshoot)
ऑफशूट द्वारा तैयार पौधे मातृ पेड़ों से गुणवत्ता में समान होते हैं. यह पूर्ण विकसित पेड़ों की जड़ों के पास तने के भाग की कलिकाओं से निकलते हैं. ऑफशूट से तैयार पौधे बीज से तैयार पौधों की गुणवत्ता में 2 से 3 वर्ष पहले फलन में आते हैं. खजूर के एक पेड़ से उसके पूरे जीवन काल में 15 से 20 ऑफशूट प्राप्त होते हैं.
यह पौधे के रोपण के बाद शुरू के 10 से 15 की उम्र तक पैदा होते हैं. पौधे लगाने के लगभग 4 वर्ष बाद से पौधों की किस्म के आधार पर तीन से पांच ऑफशूट प्रतिवर्ष अलग किए जा सकते हैं. इस कारण अच्छे किस्मों में ऑफशूट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने में कठिनाई होती है.
ऑफशूट में जड़े पूर्ण विकसित होने के लिए पेड़ों के तने के पास मिट्टी चढ़ाई जाती है तथा उसको पानी लगाकर नाम रखा जाता है. मातृ पेड़ों से ऑफशूट को काफी सावधानी से अलग किया जाना चाहिए. इनको लगभग 8-10 किलोग्राम वजन (20-25 सेमी व्यास) के होने पर पूर्ण विकसित पेड़ों की जड़ों के पास संबल (जो भाले के समान तीखा और चौड़ा होता है) से हथोड़े की चोट से निकालते हैं. अलग किए गए ऑफशूट की तीन से पांच पत्तियों को छोड़कर शेष पत्तियों को काट दें. इसके पश्चात 25X 25 इंच की पॉली बैग में या सीधे खेत में रोपाई कर सकते है.
टिश्यू कल्चर द्वारा खजूर पौधे तैयार करें (Prepare Date Palm plant from Tissue culture)
खजूर के पौधों पर ऑफशूट पर्याप्त मात्रा में नहीं बनने से इसके व्यवसायिक प्रसारण के लिए टिश्यू कल्चर तकनीक द्वारा अधिक मात्रा में अच्छी गुणवत्ता के पौधे तैयार किए जाते हैं. इस तकनीक से भी पौधों की अनुवांशिक गुणवत्ता मात्र वृक्ष के समान रहती है इस विधि द्वारा वर्ष भर पौधे तैयार किए जा सकते हैं.
अधिकांश प्रयोगशालाओं द्वारा बरही और मेडजुल किस्म के पौधे ही तैयार किए जा रहे हैं. खजूर के टिश्यू कल्चर से तैयार पौधे प्राथमिक हार्डली अवस्था पर प्रयोगशाला से निकालकर खेत में रोपण के लिए तैयार किए जाते हैं. प्राथमिक हार्ड इनिंग अवस्था पौधे की दो से तीन स्वस्थ पत्तियां, ऊंचाई 10 से 15 सेंटीमीटर और तने का आधार प्याज के बल्ब के समान लगभग 5 सेंटीमीटर आकार का होने पर आती है.
खजूर के पौधे लगाने का समय और विधि (Time and method of Date Palm planting)
खजूर के पौधे वर्षा ऋतु (जुलाई- अगस्त) या बसंत ऋतु (फरवरी- मार्च) में लगाए जाते हैं. रोपाई के एक महीने पहले 1x1X1 मीटर आकार के खड्डे खोद कर लेने चाहिए. पौधे से पौधे की दूरी 8X8 मीटर रखी जाती है. हर खड्डे में 25 किलो सड़ी गोबर की खाद, 1.5 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और दीमक की रोकथाम के लिए पौधा लगाने के तुरंत बाद क्लोरोपरिफोस कीटनाशी 10 मिली प्रति लीटर पानी की दर से सिंचाई कर देना चाहिए.
रोपाई के समय पौधे को गड्डे में रखकर चारों तरफ से मिट्टी में दबाकर लगा देना चाहिए. पौधे लगाते समय पौधे के बल्ब का केवल ¾ हिस्सा मिट्टी के अंदर रहे और क्राउन या ऊपर का भाग मिट्टी में नहीं दबे इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पौधे लगाने के बाद पानी पौधों के चारों तरफ दें तथा पानी पौधे के क्राउन में ना घुसे अन्यथा जड़न रोग होने की संभावना बढ़ जाती है.
खजूर पौधे और सब्सिडी कहाँ से प्राप्त करें (Where to get Date Palm plants and Subsidy)
ऑफशूट से तैयार खजूर पौधे सरकारी खजूर नर्सरी सगरा- भोजका, जैसलमेर, राजस्थान से प्राप्त कर सकते है. यहाँ प्रति पौधे की दर 1500 रखी गई है वहीं टिश्यू कल्चर से प्राप्त पौधे सरकारी नर्सरी चोपसनी जोधपुर, राजस्थान से प्राप्त कर सकते है. यहाँ प्रति पौधे दर लगभग 3700 और 5500 रुपए रखी गई है. इसके अलावा जिले के उद्यान विभाग से संपर्क कर लगभग 75% तक सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है.