देश में बड़े क्षेत्रफल पर सब्जियों की खेती की जाती है. यदि आप भी सब्जियों की आधुनिक और उन्नत खेती को अपनाते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जनवरी और फरवरी महीने में आप सब्जियों की उन्नत किस्में लगा सकते हैं. जिससे मार्च और अप्रैल महीने तक अच्छा सब्जी उत्पादन लिया जा सकता है. तो आइये जानते हैं सब्जियों की उन्नत खेती कैसे करें.
मल्चिंग विधि अपनाएं (Adopt mulching method)
सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें. इसके बाद मेड़ का निर्माण करके 4-4 इंच की दूरी पर बीज की बुआई कर दें. मेड़ को प्लास्टिक मल्चिंग से ढक देना चाहिए. जब बीज अंकुरित हो जाए तब पौधे को मल्चिंग में छेद करके बाहर निकाल दें. बता दें कि इस विधि को अपनाने से सब्जियों में खरपतवार भी नहीं होता है वहीं सिंचाई के लिए अधिक पानी की जरुरत भी नहीं पड़ती है. वहीं फसल कई तरह के रोगों से भी बची रहती है.
पानी में दें उर्वरक (Give fertilizer in water)
सब्जियों में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई पद्धति को अपनाएं. साथ ही सभी प्रकार के उर्वरकों पानी में मिलाकर पेड़ों की जड़ों में डालें. इस विधि को अपनाने से जहां उर्वरक का खर्च कम हो जाता हैं वहीं उर्वरक सीधे पौधों को लगता हैं. जिससे पौधे की अच्छी ग्रोथ होती है. मल्चिंग से ढंकने से वाष्प का निर्माण होता है जो पौधे की बढ़वार में मददगार होती है.
ऑर्गनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें (Use Organic Pesticides)
बता दें कि मल्चिंग विधि अपनाने के कारण खरपतवार काफी कम होता है. वहीं कीट पतंगे भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. घास मल्चिंग के नीचे रहकर ही ख़त्म हो जाती है. हालांकि विभिन्न कीट पतंगों से फसल को बचाने के लिए समय-समय पर जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करते रहें.
लागत कम हो जाती है (Cost goes down)
बता दें कि किसान यदि इन पद्धतियों को अपनाएंगे तो लागत काफी कम हो जाती है. जहां इसमें सिंचाई कम होगी वहीं उर्वरक की भी बचत होती है. वहीं किसी तरह का रोग नहीं लगता है जिससे कीटनाशकों की बचत होती है. वहीं उत्पादन भी अधिक होता है. ध्यान रहे सब्जियों की रोग प्रतिरोधक और अधिक पैदावार देने वाली किस्मों का चयन करना चाहिए.