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Updated on: 7 December, 2021 4:31 PM IST
Gir Cow

जब गाय की अच्छी नस्लों की बात आती है, तो गिर गाय को हमेशा पहले सूचीबद्ध किया जाता है. यह हमारे पशुपालकों की प्राथमिक पसंद है. इसमें बहुत सारी सकारात्मक विशेषताएं हैं. यह अन्य गायों की तुलना में अधिक रोग प्रतिरोधी है.

इसका उत्पादन भी काफी अधिक होता है. ऐसे में आज हम चर्चा करेंगे कि कैसे हमारे पशुपालक प्रभावी रूप से गिर गाय का पालन कर सकते हैं और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

डेयरी उत्पादन को दिन-प्रतिदिन बढ़ाने के लिए पशु नस्ल का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, और जब देसी गाय में अच्छी नस्ल की बात आती है, तो गिर गाय का नाम जरूर लिया जाता है. अर्ध-शुष्क जलवायु में कम लागत वाले प्रचुर उत्पादन के लिए यह पशुपालकों की पहली पसंद है.

इस गाय का घी, दूध, मूत्र और गोबर भी अच्छे दामों पर बिकता है. इससे स्पष्ट है कि गिर गायों को पालना हर तरफ से फायदे का सौदा है. गिर गायों में उच्च स्तर की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। नतीजतन, पशुधन के नुकसान का खतरा कम हो गया है.

गिर गाय के नाम के पीछे की कहानी

यह मूल रूप से गुजरात के गिर जंगल से आता है. इसे गिर गाय की उत्पत्ति कहा जाता है. इसे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. इसका प्राथमिक फोकस सौराष्ट्र, गुजरात के राजकोट, जूनागढ़, सोमनाथ, भावनगर और अमरेली जिलों में है. इसकी लोकप्रियता राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के माध्यम से ब्राजील तक फैल गई है. यही कारण है कि इसकी आबादी लगातार बढ़ रही है.

ऐसे करे गिर गाय की पहचान

गिर गायों को दो नस्लों में बांटा गया है. स्वर्ण कपिला और देवमणि दोनों उन्नत नस्लें हैं. गिर गायों का रंग मुख्य रूप से लाल होता है. इसका एक बड़ा माथा और लंबे कान हैं. इसके सींग एक ही समय में लंबे और घुमावदार होते हैं. थन पूरी तरह से विकसित हो चुका है, और एक कूबड़ खोजा गया है.

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आप प्रतिदिन 50 लीटर दूध तक ले सकते हैं

गिर गाय प्रतिदिन 50 लीटर दूध का उत्पादन कर सकती है. यही कारण है कि पशुपालन क्षेत्र में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है. इनकी संख्या को बचाने और बढ़ाने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. वे कभी केवल गुजरात में पाए जाते थे, लेकिन अब राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आम हैं.

इस नस्ल की एक गाय की जीवन प्रत्याशा 12 से 15 वर्ष होती है. गिर गायों के जीवनकाल में 6 से 12 बच्चे हो सकते हैं. इसका वजन 400 से 475 किलोग्राम के बीच हो सकता है. हालांकि, यह तभी संभव है जब जानवरों को अच्छी तरह से खिलाया जाए. गिर मवेशियों से बेहतर दूध उत्पादन के लिए एक संतुलित पोषण आहार प्रदान किया जाना चाहिए.

ऐसे बनाएं संतुलित आहार मिश्रण

100 किलो आहार मिश्रण बनाने के लिए 10 किलो बिनौला खली, चना और मूंग पाउडर-25 किलो, 40 किलो गेहूं और मक्के का दलिया, 22 किलो सोयाबीन पाउडर, खनिज मिश्रण 2 किलो प्लस नमक 1 किलो तैयार किया जा सकता है. प्रतिदिन 1 से 1.5 किलोग्राम आहार मिश्रण प्रदान करना चाहिए. वहीं दूध देने वाली गाय को 400 ग्राम बाटा प्रति लीटर देना चाहिए. बाहर चरने से भी दूध उत्पादन में सुधार हो सकता है.

English Summary: Gir cow is best for animal husbandry, know its benefits
Published on: 07 December 2021, 04:36 PM IST

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