सर्दी ने दस्तक दे दी है और हल्की-हल्की ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो चुकी हैं, जी हाँ यह मौसम नवम्बर और दिसम्बर के बीच का होता है. जब हल्की ठण्ड की शुरुआत हो जाती है. वैसे सभी किसान आमतौर पर सभी फसलों और सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation ) कर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसी सब्जियां हैं जो सर्दी के मौसम में ही उगाई जाती हैं. ऐसे में हमें किन सब्जियों की खेती करनी चाहिए जिनसे अधिक लाभ मिल सके. तो आइये आज हम आपको नवम्बर और दिसम्बर माह में उन सब्जियों की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी खेती कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.
शिमला मिर्च की खेती (Capsicum Cultivation)
शिमला मिर्च सब्जी जिसमें भरपूर मात्र में विटामिन-सी एवं विटामिन -ए तथा खनिज लवण जैसे- आयरन, पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम आदि पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी होते हैं. इसके इन्ही जरुरी तत्त्व की वजह से बाज़ार में इसकी बहुत मांग है एवं इसकी कीमत बहुत ज्यादा है. वहीँ दूसरी तरफ इसका निर्यात भी अलग देश में बहुत किया जाता है. अगर इसकी खेती की बात करें तो इसकी कुछ उन्नत किस्में (Some Improved Varieties) हैं जिनकी खेती कर आप अच्छा मुनाफ कमा सकते हैं इसकी किस्में जैसे - कैलिफोर्निया वंडर, रायल वंडर, येलो वंडर, ग्रीन गोल्ड, भारत, अरका बसन्त, अरका गौरव, अरका मोहिनी, सिंजेटा इंडिया की इन्द्रा, बॉम्बी, लारियो एवं ओरोबेल, क्लॉज इंटरनेशनल सीडस की आशा, सेमिनीश की 1865, हीरा आदि.
लहसुन की खेती (Farming Of Garlic)
लहसुन की बात करें तो इसमें भी कई ऐसे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर को सर्दी से बचाव करते हैं. इसलिए सर्दियों में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है. लहसुन की कुछ उन्नत किस्में (Some Improved Varieties Of Garlic) है यमुना सफेद 1 (जी-1), यमुना सफेद 2 (जी-50), यमुना सफेद 3 (जी-282), यमुना सफेद 4 (जी-323) है जो अधिक उत्पादन देती है. यह किस्में खेती के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है. यदि आप इन किस्मों की खेती करते हैं तो आपको अधिक मुनाफा प्राप्त होगा.
प्याज की खेती (farming of onion)
प्याज एक ऐसी फसल है जिसका सेवन हर मौसम में किया जाता है. प्याज में कई सारे एंटी ऑक्सीडेंट गुण (Anti Oxidant Properties) पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. इसलिए प्याज का सेवन ज्यादा किया जाता है. इसकी किस्मों की बात करें तो पूसा रेड, पूसा रत्नार, पूसा माधवी, पंजाब सेलेक्शन, अरका निकेतन, अरका कल्याण, अरका बिंदु, बसवंत 780, एग्री फाउंड लाइट रेड, पंजाब रेड राउंड, कल्यापुर रेड राउंड, हिसार अदि हैं जो अच्छा उत्पादन देती हैं.
मटर की खेती (Pea Farming)
मटर की कुछ उन्नत किस्में है जिनकी खेती कर आप अच्छा मुनाफ प्राप्त कर सकते हैं. आर्किल, बी.एल. अगेती मटर - 7 (वी एल - 7), जवाहर मटर 3 (जे एम 3, अर्ली दिसंबर), जवाहर मटर - 4 ( जे एम 4), हरभजन (ईसी 33866), पंत मटर - 2 (पी एम - 2), जवाहर पी - 4, पंत सब्जी मटर, पंत सब्जी मटर 5, इसके अलावा जल्दी तैयार होने वाली अन्य किस्में काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय और काशी अगेती किस्में है. यह किस्मों की खासियत यह है कि यह जल्द ही पककर तैयार हो जाती है. मटर की फसल में कीड़े लगने के बहुत आसार होते हैं तो इसलिए मटर की खेती करते समय इनकी बुवाई क्रिया करने से पहले इनको कीड़ों से बचाने के लिए उपचारित कर लेना चाहिए.
फूलगोभी की खेती (Farming Of Cauliflower)
अगर हम बात करें फूलगोभी की तो इसकी कुछ उन्नत किस्में हैं पूसा सनोबाल 1, पूसा सनोबाल के-1, स्नोबाल 16, पंत शुभ्रा, अर्ली कुंवारी, पूसा दीपाली जो अधिक उत्पादन प्रदान करती हैं. इसकी खेती की बात करें तो इसकी खेती के लिए किसी भी तरह की मिट्टी उचित मानी जाती है इसके अलावा मिट्टी की पीएच 6-7 के बीच होना चाहिए.
पत्तागोभी की खेती (Cabbage Farming)
पत्ता गोभी की कुछ उन्नत किस्में है जो अधिक उत्पादन देती हैं जैसे गोल्डेन एकर, प्राइड आफ इंडिया, पूसा मुक्ता, अर्ली ड्रमहेड, पूसा मुक्त, पूसा ड्रमहेड, लेट ड्रमहेड- 3 गणेश गोल, हरी रानी गोल आदि. जो खेती के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं.