Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 4 June, 2021 2:05 PM IST
Kharif Crops

देश के कई राज्यों में प्री-मॉनसून (Pre-monsoon) गतिविधियों की वजह से बारिश शुरू हो चुकी है. जहां खेतीबाड़ी करने वाले किसान खरीफ फसलों (Kharif Crops) की बुवाई और रोपाई काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं.

वहीं दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंच चुका है. ऐसे में महाराष्ट्र कृषि विभाग (Maharashtra Agriculture Department) द्वारा किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें किसानों को खरीफ फसलों की रोपाई और बुवाई के काम में जल्दबाजी न करने की सलाह दी गई है.

महाराष्ट्र में प्री-मॉनसून गतिविधियां

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के काफी बड़े हिस्से में प्री-मॉनसून (Pre-monsoon) गतिविधियों की वजह से कई बार बारिश हो चुकी है. हालांकि, अब किसान रोपाई और बुवाई का काम शुरू करने वाले हैं, लेकिन इसी बीच कृषि विभाग द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि अभी फिलहाल हुई बारिश के बाद किसान रोपाई का काम न करें.

कब करें फसलों की रोपाई-बुवाई?

कृषि विभाग की एडवाइजरी में बताया गया है कि जब किसानों के क्षेत्र में 80-100 मिली मीटर बारिश हो, उसके बाद ही रोपाई करने का कार्य करें. बता दें कि कृषि विभाग ने यह सलाह किसानों को बीज की बर्बादी से बचाने के लिए दी है.

इन फसलों की बुवाई न करने की सलाह

कृषि विभाग ने एडवाइजरी में सोयाबीन, कपास और मक्का आदि फसलों की बुवाई न करने की सलाह दी है. इसके साथ ही विदर्भ में चावल उत्पादकों को धान की नर्सरी तैयार रखने की सलाह दी गई है. इसके अलावा रोपाई से बचने के लिए कहा है.

क्यों न करें बुवाई?

एडवाइजरी में बताया गया है कि फिलहाल बुवाई करने पर मिट्टी में नमी आ सकती है, जिससे बीज अंकुरित होने में विफल हो सकते हैं. इसका सीधा असर लागत और उत्पादन पर पड़ सकता है, तो वहीं बीज अंकुरित न होने की दशा में फिर से बुवाई करनी पड़ सकती है. ऐसे में किसानों को खरीफ फसलों की रोपाई-बुवाई न करने के लिए कहा है. बता दें कि पिछले साल किसानों द्वारा सोयाबीन अंकुरण की विफलता की शिकायत कराई गई थी, जिसका एक कारण मिट्टी में अपर्याप्त नमी था.

आने वाले दिनों में हो सकती है बारिश

पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में भारी से मध्यम बारिश हुई है. इसके साथ ही पुणे, कोल्हापुर, कोंकण मराठवाड़ा, सतारा, सांगली, उत्तरी महाराष्ट्र और विदर्भ के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश हुई है. बताया जा रहा है कि केरल तट पर मानसून (Monsoon) पहुंच गया है. इसके चलते  आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में बारिश हो सकती है.

जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में सोयाबीन और कपास, दोनों की 40 लाख हेक्टेयर से अधिक बुवाई हो सकती है. इसके साथ ही अरहर, उड़द और मूंग जैसी दलहनों का कुल क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रह सकता है. इसके अलावा नकदी फसल गन्ना की पैदावार लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होने की उम्मीद जताई जा रही है.

English Summary: Farmers have been advised not to hurry in sowing of Kharif crops
Published on: 04 June 2021, 02:24 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now