Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 November, 2020 3:52 PM IST
बादाम की खेती का तरीका

अमेरिका बादाम का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. यहां के कैलिफोर्निया का बादाम पूरी दुनिया में मशहूर है. भारत में बादाम की खेती मुख्यतः ठंडे प्रदेशों के पहाड़ी भागों में होती है. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल और आंध्र प्रदेश की कुछ पहाड़ी भागों में बादाम की खेती प्रमुखता से की जाती है.तो आइये जानते हैं बादाम की खेती कैसे करें-

बादाम की खेती लिए जलवायु (Climate for Almond Cultivation)

बादाम की खेती के लिए ठंडे प्रदेशों की जलवायु उपयुक्त होती है. इसकी खेती के लिए न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस तापमान का होना बेहद आवश्यक है. इसके पौधे समुद्र ताल 750 से 3200 मीटर की ऊंचाई पर आसानी से उग सकते हैं. बादाम की खेती के लिए औसत वर्षा 75 से 110 सेंटीमीटर होना चाहिए.

बादाम की खेती के लिए मिट्टी (Soil for Almond Cultivation)

इसकी खेती के लिए समतल, बलुई, दोमट चिकनी मिट्टी और गहरी उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस खेत में इसकी खेती जा रही है जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था हो.

बादाम की किस्में (Varieties of Almonds)

शुष्क शीतोष्ण क्षेत्र की किस्में : नी प्लस अल्ट्रा, टेक्सास और थिनशैल्ड को उगाया जाता है.

ऊँचे तथा मध्य पर्वतीय क्षेत्रों की किस्में : निकितस्काई, नॉन पेरिल, आईएसएल, मर्सिड,और वाइट ब्रान्डिस जैसे किस्मों को उगाया जाता है.

बादाम की खेती के लिए पौधे कैसे तैयार करें (How to Prepare Plants for Almond Cultivation)

बादाम की खेती के लिए बीजू और ग्राफ्टिंग तकनीक से उगाए जाते हैं. गौरतलब है कि इसके पौधों की ग्राफ्टिंग के लिए बादाम, आड़ू और आलूबुखारा के बीज पौधे ग्राफ्टिंग स्टॉक्स के रूप में उपयोग किए जाते हैं. 

बादाम की खेती के लिए पौध रोपण (Planting for Almond Cultivation)

रोपाई के लिए बादाम का बीजू या एक साल पुराना ऐसा पौधा होना चाहिए जिसकी जड़े स्वस्थ्य और पत्ती रहित हो. खेत में तैयार गड्ढों में सबसे पहले गोबर खाद, केंचुए की खाद मिलाकर डाले. इसकी रोपाई का सही समय नवंबर से दिसंबर का महीना होता है.  रोपाई से पहले 1×1×1 मीटर का गड्ढा तैयार करें.  वहीं पौधे से पौधे की दूरी 6 मीटर तथा कतार से कतार की दूरी 7 मीटर रखना चाहिए. अच्छे परागण के लिए प्रति हेक्टेयर 5-7 डिब्बे मधुमक्खी के रखें.

बादाम की खेती के लिए सिंचाई (Irrigation for Almond Cultivation)

बादाम खेती में सर्दी के दिनों में 20 से 30 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए. जबकि गर्मियों में पेड़ों में 10 दिनों के अंतराल पर नियमित रूप से सिंचाई करना चाहिए. बता दें कि फल देने वालों पौधों में गर्मियों के दिनों में नियमित सिंचाई देना बेहद जरुरी होता है. इससे बिना पके फलों के गिरने की समस्या दूर हो जाती है. वहीं बादाम के वृक्षों के चारों तरफ मिट्टी के ऊपर भूसा, पत्तियों या फिर अन्य कार्बनिक पदार्थों का उपयोग करना चाहिए. इससे वृक्ष के आसपास खरपतवार कम निकलते हैं. 

बादाम की खेती के लिए निराई-गुड़ाई (Weeding for Almond Cultivation)

अच्छी पैदावार के लिए निराई-गुड़ाई बेहद आवश्यक होती है. पहली निराई 10 से 15 दिन में करना चाहिए. इससे पौधों की अच्छी ग्रोथ होती है. इसके बाद नियमित निराई गुड़ाई करते रहे.

बादाम की फल तुड़ाई (Almond fruit Harvesting)

बादाम के पेड़ों से रोपाई के तीसरे साल फल निकलने लग जाते हैं. वहीं 6-7 साल बाद यह पेड़ ज्यादा पैदावार देने लगते हैं. फूल आने के 8 महीने बाद पेड़ों में बादाम पक जाते हैं जिसकी तुड़ाई की जाती है. उस समय बादाम के फली के छिलकों का हरे से पीला हो जाता है. डंडे के मदद से बादाम की तुड़ाई की जाती है. 

अधिक जानकारी के यहां संपर्क करें 

1-केरल हॉर्टिकल्चर विभाग
पता : सनी डेल. मेड्स लेन. पलायम, तिरुवंतपुरम, केरल
फ़ोन : (0471) - 2330856 

2- कश्मीर हार्टिकल्चर विभाग
पता : राज बाग़, श्रीनगर, जम्मू -कश्मीर-190008.
फोन : (0194) -2311456

English Summary: earn huge profits by cultivating almond in the field
Published on: 07 November 2020, 03:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now