टमाटर की उन्नत और वैज्ञानिक खेती करके अच्छी कमाई की जा सकती है. इसके लिए टमाटर की 'नामधारी-4266' किस्म की रोपाई करना चाहिए. यह टमाटर की बंपर पैदावार देने वाली किस्म है. जिससे अन्य किस्मों की तुलना में तीन गुना अधिक पैदावार ली जा सकती है. वहीं इस किस्म में कीट व अन्य रोग भी नहीं लगते हैं. जबकि यह महज डेढ़ महीने में तैयार हो जाती है. तो आइए जानते हैं टमाटर की इस उन्नत किस्म के बारे में.
प्रति हेक्टेयर 1400 क्विंटल की पैदावार
टमाटर की इस किस्म को उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया था. जो कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है. जहां दूसरी किस्मों से प्रति हेक्टेयर 400 से 600 क्विंटल टमाटर की पैदावार होती है वही इस किस्म से 1200 से 1400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होती है. नामधारी-4266 किस्म किसानों के लिए बेहद फायदेमंद किस्म है जिससे जबरदस्त उत्पादन होता है. इस किस्म की खेती करके किसान आर्थिक रूप से अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
50 हजार रुपये का खर्च
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को कहना है कि टमाटर की इस किस्म को 50 हजार रुपये के खर्च में पॉली हाऊस में आसानी से किया जा सकता है. जहां एक हेक्टेयर में टमाटर की खेती करने में लगभग 50 रूपये खर्च होते हैं उतने ही खर्च में टमाटर की इस किस्म को पॉली हाऊस में उगा सकते हैं. इसके लिए सितंबर और अक्टूबर महीने में नर्सरी लगाई जाती है जिससे दिसंबर से फरवरी के महीने में फल प्राप्त होने लगते हैं.
45 दिन में तैयार हो जाती है
टमाटर की यह एक उन्नत किस्म है जिसमें कीट और रोग नहीं लगते हैं. वही इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये महज 45 दिनों में ही तैयार हो जाती है. इसकी अच्छी पैदावार लेने के लिए नारियल का बुरादा, वमीर्कुलाइट और परलाइट को मिश्रण मिट्टी में डालना चाहिए. वहीं इस किस्म में ड्रीप या टपक सिंचाई पद्धति से सिंचाई करना चाहिए. पॉली हाऊस में इस किस्म से 1400 क्विंटल की पैदावार ली जा सकती है जिसमें महज 50 हजार रूपये का खर्च आता है. इसका पौधा बेल जैसा होता और इसके एक गुच्छे में 4-5 और एक पौधे में 50 से 60 टमाटर तक लगते हैं. जिसका वजन 100-150 ग्राम तक होता है वही टमाटर की अन्य किस्मों के फल का वजन आमतौर पर 50-80 ग्राम तक होता है यही वजह है कि इसकी पैदावार ज्यादा होती है.