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Updated on: 30 July, 2023 12:00 AM IST
धान की रोपाई पर ब्रेक

आमतौर पर जून से लेकर अगस्त महीने तक देशभर में बरसात का मौसम (Rainy Season) होता है. जोकि किसान भाइयों की फसलों के लिए बहुत ज्यादा अहमियत रखता है. बता दें कि इसमें होने वाली बारिश पर खरीफ की फसलें (Kharif crops) आधारित होती हैं.

लेकिन इस वर्ष मौसम ने दगा दे दिया. करीब एक पखवाड़े तक रुक-रुक हुई बारिश के बीच उत्तर प्रदेश, बलिया जिले में धान की रोपाई में तेजी आई. जिन किसानों ने धान की नर्सरी रोहिणी नक्षत्र में नहीं लगाई थी वहीं किसानों ने आद्रा नक्षत्र में बारिश के बाद नर्सरी डाली. यह किसान भी करीब एक पखवाड़े के बाद धान की रोपाई की तैयारी (Paddy transplanting preparation) में लगे हैं. लेकिन  वहीं लगभग 15 दिनों से बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपाई पर ब्रेक लग गया है. अब तक जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 74 दशमलव 64 फीसदी धान की रोपाई हुई है, जिले में कुल एक लाख 23127 हेक्टेयर में धान की रोपाई होती है. जिले में अगस्त माह तक रोपाई होती है. ईश्वर कृषि विभाग की ओर से खरीफ में कुल 167184 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जबकि वर्ष 2022 में कुल 1274412 हेक्टेयर में खरीफ की खेती (kharif farming) हुई थी. खरीफ लक्ष्य के सापेक्ष करीब 70 फीसदी खेत में धान की खेती होती है. आमतौर पर खेती आगे की खेती करने वाले किसान धानों की नर्सरी रोहिणी नक्षत्र में लगाने का काम शुरू कर देते हैं. लेकिन इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र में बारिश ना होने के कारण सिंचाई संसाधन वाले किसान ही धान की नर्सरी लगाए. हालांकि कई क्षेत्र में धान की नर्सरी आर्द्रा नक्षत्र में लगाई जाती है. देर से ही सही आद्रा नक्षत्र के 3 दिन बीतने के बाद बरसात शुरू हुई लेकिन रुक-रुक कर हुई धान की खेती की संजीवनी मिली और रोहिणी नक्षत्र की नर्सरी वाले किसान रोपाई भी शुरू कर दिए.

कृषि विभाग के अनुसार अब तक लक्ष्य के सापेक्ष 74,64 फीसदी खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है. इसी बीच बीते 15 दिनों से बारिश नहीं होने के कारण रोपे गए धान के खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं और सूखने लगे हैं. वहीं धान की रोपाई पर भी ब्रेक लग गया है. जिन किसानों ने आद्रा नक्षत्र में धान की नर्सरी लगाई एक पखवारा बाद धान की रोपाई की तैयारी में थे लेकिन बारिश नहीं होने के कारण रोपाई को लेकर हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. किसानों को अभी भी बारिश की इंतजार है क्योंकि जिले में अगस्त महीने के अंत तक की धान रोपाई होती है.

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इस संबंध में पंकज कुमार प्रजापति जिला कृषि अधिकारी बलिया ने बताया कि धान की रोपाई जिले में अधिकांश भूभाग पर हो चुकी है. बारिश नहीं होने का असर खरीफ की फसलों पर पड़ रहा है. अभी भी बारिश हो जाए तो शेष बचे किसान धान की रोपाई कर लेंगे और खरीफ फसलों का लाभ पहुंचेगा. बारिश नहीं होने से किसानों के धान की रोपाई (Transplantation of paddy) करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रबीन्द्रनाथ चौबे, कृषि मीडिया बलिया, उत्तर प्रदेश

English Summary: Kharif crops are being affected due to lack of rain
Published on: 30 July 2023, 02:57 IST

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