ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों में मुनाफा कमा रहा है यह परिवार, इस योजना के अन्तर्गत मिली मदद Lobia ki Unnat Kheti: कृषि विभाग ने जारी की लोबिया की उन्नत खेती के लिए जरूरी सलाह, जानें किसान किन बातों का रखें ध्यान Watermelon Dishes: गर्मी में रोज-रोज तरबूज खाने से हो गए हैं बोर, तो तरबूज से बनें इन पकवानों का करें सेवन खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 21 September, 2023 12:00 AM IST
Historical Tomb

Safdarjung Tomb: नई दिल्ली या दिल्ली से सटे इलाकों में किसी समय में मुगल शासकों का एक छत्र राज्य था. दिल्ली में मुगलों द्वारा कई निर्मित किला, मकबरा, बाजार देखने को मिल जाएगा. आज हम आपको बताएंगें मुगल वंश के अंतिम शासक मुहम्मद शाह के बारे में.

आइये जानते हैं कौन थे सफदरजंग

सफदरजंग मूल रूप से ईरान के रहने वाले थे. सफदरजंग का पूरा नाम अबुल मंसूर मिर्जा मुहम्मद मुकीम अली खान था. सफदरजंग कारा यूसूफ के वंशज थे. इनके बचपन का नाम मुहम्मद मुकीम अली था. अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने इन्हें सफदरजंग की उपाधि दी. सफदरजंग मुहम्मद शाह के सबसे शक्तिशाली योद्धा था.

आइये जानते हैं सफदरजंग के मकबरे के बारे में

सफदरजंग का मकबरा बनाने का प्रस्ताव उसके बेटे नवाब शुजाउददौला ने बनवाने का प्रस्ताव रखा. यह मकबरा आठारहवीं शताब्दी में बनवाया गया. यह वर्तमान में दक्षिणी दिल्ली के श्री औरोबिंदो मार्ग पर लोधी मार्ग के ठीक सामने स्थित हैं. ये मकबरा एक ऐतिहासिक धरोहर में शामिल है.

मकबरे की शिल्प-शैली

सफदरजंग मकबरा मुगलों का एक ऐतिहासिक जगहों में से एक है. जिसका निर्माण नवाब शुजाउददौला ने करवाया. इस मकबरे को एक एथियोपियाई वस्तुकार ने स्थापत्य शैली में बनाई है. यह मकबरा हुमायूं के मकबरे की वस्तुकला के आधार पर निर्मित है. मकबरे का निर्माण लाल व भूरे-पीले बलुआ पत्थर का प्रयोग करके बना है. इसके चारों कोने पर बड़े-बड़े गुंबद है. दिवारों में महीन नक्काशी भी देखी जा सकती है. इस मकबरे में कई द्वार हैं और एक बड़ी छत है. इस जो मंजिले मकबरे में आने-जाने के लिए चारों तरफ से कई सीढ़ियां बनी हुई हैं.

मकबरे की प्रमुख विशेषता

इस मकबरे की प्रमुख विशेषता ये है कि एक सतह पर अरबी अभिलेख है, उस अभिलेख में लिखा हुआ है कि– “ जब स्पष्ट बहादुरी का नायक क्षणभंगुर में चला जाता है तो, भगवान के स्वर्ग का निवासी बन जाता है. यानी जो योद्धा अपनी कुशलता, समर्पण और इमानदरी से लड़ते हुए शहीद हो जाता है तो उसकी आत्मा भगवान के पास चली जाती है साथ ही उसको स्वर्ग अर्थात् उस आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इसे भी पढ़ें : बच्चें के दिमाग में मालिक बनने की नहीं बल्कि संधर्ष की बात बतानी चाहिये

 

मकबरे के पास का वातावरण

मकबरे के चारों तरफ एक छोटा सा उद्यान है, जहां कई तरह के बड़े-बडे वृक्ष लगे हुए हैं. कई तरह के फूल के पौधे भी है, साथ ही मकबरे के ठीक सामने कई तरह के फव्वारे लगे हुए हैं, जो कि मकबरे की खूबसूरती को दर्शाती है. दिल्ली की चहल-पहल के बीच इस मकबरे के परिसर में काफी शांति बनी रहती है. रात के समय में ये मकरबा चारों तरफ से रंगींन रोशनियों में डूबा हुआ रहता है.

English Summary: Historical Tomb of Mughals: Safdarjung Tomb
Published on: 21 September 2023, 01:02 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now