यह देखकर अच्छा लगता है कि केन्द्रीय बजट 2020-2021 के मुख्य विषय हैं- महत्वाकांक्षी भारत, सभी का आर्थिक विकास और समाज की देखभाल. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केन्द्र 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री की इस पहल को देखते हुए बजट उल्लेखनीय प्रतीत होता है. मेरा मानना है कि पिछले साल वित्तमंत्री ने नव भारत के निर्माण की जो नींव रखी वह इस साल के बजट में भी जारी है और बजट ने भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के दृष्टिकोण को मजबूत बनाया है.
बजट में किसानों के लिए घोषित 16 कार्य बिन्दुओं की योजना निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगी. यह कृषि बाज़ारों के उदारीकरण के लिए काम करेगी तथा किसानों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी. जिस तरह स्टार्ट-अप इण्डिया उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रहा है उसी तरह यह बजट कृषि आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और किसानों को स्थायी फसल प्रतिरूपों एवं आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेगा.
आंकड़ों की बात करें तो कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां के चलते, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास बढ़कर 2.83 लाख करोड़ रु के प्रभावी आंकड़े पर पहुँच गया है. अप्रत्याशित घटनाओं/फसलों को पहुंचने वाले नुकसान से पीड़ित किसान बीमा एवं वित्तीय सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभान्वित किसानों की संख्या अब 6.11 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इससे निश्चित रूप से किसानों की आय स्थित होगी और वे कृषि को जारी रख सकेंगे.
किसान रेल जैसी पहल खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिए राष्ट्रीय कोल्ड सप्लाई चेन के विकास के लिए अच्छा समाधान है. और इसके लिए पीपीपी मॉडल तर्कसंगत है जो खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के त्वरित परिवहन को सुनिश्चित करेगा. इसके साथ ग्रामीण संग्रहण योजना और नाबार्ड की गतिविधियों, कृषि वेयरहाउस की ज्यो टैगिंग, कोल्ड स्टोरेज एवं अन्य इन्वेंटरी स्टोरेज से कृषि में लॉजिस्टिक्स के लिए दक्षता बढ़ेगी और किसान को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा.
बजट राज्यों को कृषि भूमि की लीज़िंग, विपणन और अनुबंध के लिए 3 केन्द्रीय मॉडल कानून अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलावों को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
उर्वरकों का ज़्यादा इस्तेमाल पिछले वर्षों में प्रतिबंधित किया गया है और बजट उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करता है. बजट में जन जीवन मिशन के तहत 100 ऐसे ज़िलों के लिए व्यापक प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं. मुझे यह देखकर खुशी होती है कि ये उपाय इन ज़िलों के लिए मददगार साबित होंगे जो लम्बे समय से जल संकट से जूझ रहे हैं.
पीएम कुसुम योजना के विस्तार से 20 लाख किसान अपने सोलर पम्प स्थापित कर सकेंगे और उनकी कैरोसीन पर निर्भरता कम होगी, वे सौर उर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित होंगे. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी क्योंकि वे सौर उर्जा के उपयोग से बंजर भूमि से भी आजीविका कमा सकेंगे.
सरकार ने कृषि क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों के समाधान पर भी ध्यान केन्द्रित किया है. इनके अलावा सरकार को कुछ अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान देना होगा जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. सरकार को एग्रो इनपुट सब्सिडी के प्रत्यक्ष सब्सिडी स्थानान्तरण के लिए काम करना चाहिए. आधार लिंक करने से सिस्टम में दुरूपयोग की संभावना को खत्म किया जा सकता है. अन्य उपायों में पीएम फसल बीमा योजना के तहत बड़ी संख्या में फसलों को कवर किया जा सकता है.
मेरे दृष्टिकोण में इस बजट में पेश किए गए ये सभी समाधान महत्वपूर्ण हैं और निश्चित रूप से किसानों एवं कृषि क्षेत्र की समस्याओं को हल करने में कारगर होंगे. मुझे उम्मीद है कि इससे पूरी कृषि श्रृंखला में उत्पादकता और दक्षता बढ़ेगी और प्रधानमंत्री जी के किसानों की आय दोगुना करने के दृष्टिकोण को साकार किया जा सकेगा.
लेखक-- अजय श्रीराम, चेयरमैन एवं सीनियर मैनेजिंग डायरेक्टर, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड