देशभर के किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 50 दिनों से भी अधिक समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी स्थिति अब अत्यंत गंभीर हो चुकी है. सरकार की चुप्पी और टालमटोल नीति के कारण किसान समुदाय में गहरी चिंता व्याप्त है. ध्यान रहे कि डल्लेवाल की शहादत सरकार पर भी भारी पड़ेगी.
इस विकट स्थिति को लेकर अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. डॉ. त्रिपाठी ने कहा “संवाद से समाधान निकलता है, लेकिन अब सबसे पहले डल्लेवाल के जीवन की रक्षा करना जरूरी है. किसानों की आवाज़ को बार-बार अनसुना करने से उनकी पीड़ा हल नहीं होगी. यदि किसानों को उनका न्यायोचित अधिकार नहीं मिला तो यह देश के कृषि तंत्र के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा.”
उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने स्वयं किसानों के हितों के लिए मुखर होकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के महत्व की वकालत की थी. आज वही किसान आपके भरोसे की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं.
मांगें सिर्फ किसानों की नहीं, देश की जरूरत हैं
देश के अन्नदाता न सिर्फ अपने परिवार बल्कि समूचे राष्ट्र को जीवनदायिनी अन्न उपलब्ध कराते हैं. उनके हितों की अनदेखी करना “ऊसर खेत में हरियाली की उम्मीद” करने जैसा है. MSP की गारंटी न होने से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता, जिससे कर्ज और आत्महत्या की समस्या और बढ़ जाती है.
जनता और सरकार दोनों से अपील
डॉ. त्रिपाठी ने आगे कहा, “सरकार को चाहिए कि संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तुरंत पहल करे. डल्लेवाल जी का जीवन बचाना और किसानों की न्यायोचित मांगों पर सकारात्मक कदम उठाना न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है. हमारी महासंघ की ओर से हर सहयोग के लिए हम तत्पर हैं.”
अंततः यह सुनिश्चित करना कि देश का किसान सम्मान के साथ जीवित रह सके, राष्ट्र के विकास की सबसे मजबूत नींव है.