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महिलाएं लाख की खेती से कमा रहीं भारी मुनाफ़ा, बनीं आत्मनिर्भर भारत की मिसाल

झारखंड की महिला किसान (Women Farmers) अब पारंपरिक खेती के अलावा वनोपज और बागवानी (Horticulture) पर ध्यान दे रही हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल रहा है. खासकर ऐसे क्षेत्र में जो कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम थे और जहां नक्सलवाद अपने चरम पर था, ऐसे क्षेत्रों के महिला अब कृषि (Women in farming) में बेहतर कर रही हैं, साथ ही अपने जीवन को बेहतर बना रही हैं और लाख की खेती (Lac Cultivation) ऐसे किसानों और वन आश्रितों दोनों के लिए आजीविका का एक विकल्प है.

रुक्मणी चौरसिया
Lac Woman Farmer
Lac Woman Farmer

झारखंड की महिला किसान (Women Farmers) अब पारंपरिक खेती के अलावा वनोपज और बागवानी (Horticulture) पर ध्यान दे रही हैं, जिससे उन्हें लाभ मिल रहा है. खासकर ऐसे क्षेत्र में जो कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम थे और जहां नक्सलवाद अपने चरम पर था, ऐसे क्षेत्रों की महिलाएं अब कृषि (Women in farming) में बेहतर कर रही हैं, साथ ही अपने जीवन को बेहतर बना रही हैं और लाख की खेती (Lac Cultivation) ऐसे किसानों और वन आश्रितों दोनों के लिए आजीविका का एक विकल्प है.

पलाश झारखंड के कई हिस्सों में पाया जाने वाला एक बहुत ही सामान्य पेड़ है, जो ज्यादातर खराब मिट्टी में उगता है. और झारखंड के कई क्षेत्रों में गरीब ग्रामीणों के लिए आय उत्पन्न करने के लिए पेड़ों का उपयोग करना सबसे बेहतर विकल्प है साथ ही लाख की खेती (Lac Farming) आसान है और कम समय में भारी मुनाफा देती है.

क्या होता है लाख (What is Lac)

लाख लैक्सिफर या केरिया लक्का (laccifer or kerria lacca) नामक कीट के शरीर से निकलने वाला स्राव (Secretion) है. यह लाख राल को स्रावित करता है और जब कीट प्यूपा (Pupa) अवस्था में जाता है तो कठोर राल की परतें बनाता है. और फिर इस राल को खुरच कर सुखाया जाता है.

मिसाल हैं ये महिला किसान (These Women Farmers are Paradigm)

झारखंड के खूंटी, रांची और पश्चिमी सिंहभूम जिलों (Jharkhand’s Khunti, Ranchi and West Singhbhum district) में ऐसे कई किसान इसकी खेती से लाभान्वित हो रहे हैं. झारखंड में कई ऐसी संस्थाएं हैं जो किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. वहीं, खूंटी में कई ऐसे गांव हैं जहां की महिलाएं लाख की चूड़ियां बनाकर बाजार में बेच रही हैं. साथ ही उनकी आय के स्रोत में भी इजाफा हुआ है.

ऐसे में यह महिलायें आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) और लोकल फॉर वोकल (Local For Vocal) का सीधा उदहारण दे रही हैं. बता दें की झारखंड की ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई लाख की चूड़ियां (Lac Bangles) पूरे देश में अपनी पहचान बना रही हैं. इससे प्रदेश के युवाओं को भरपूर रोजगार मिल रहा है. इसके अलावा लाख का उपयोग युद्ध उपकरण, हवाई जहाज, फर्नीचर की पॉलिश और इत्र में भी किया जाता है.

लाख की खेती से कैसे करें कमाई (how to earn money from lacquer farming)

किसानों को एक जगह लाने की लिए IIT धनबाद ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology) विकसित कर रही है जो एक ऑनलाइन प्लेटफार्म (Online Platform) होगा जिससे राज्य के किसानों को रोजगार का मौका मिल सके और वो अपनी आय में वृद्धि भी कर सकें. साथ ही वेब पोर्टल और मोबाइल एप (Web Portal & Mobile App) भी लाया जायेगा ताकि किसान सीधा इंडस्ट्री से जुड़ पाएं और उन्हें सहायता मिल सकें.

भारत से 70 प्रतिशत तक निर्यात होता है लाख (Lacquer is imported from India up to 70 percent)

झारखंड देश में लाख का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. भारत में लगभग 16,352 टन लाख के उत्पादन में झारखंड का योगदान लगभग 8293 टन, लगभग 54.6 प्रतिशत है.

खास बात तो यह है की अकेले भारत से लाख आयात की मात्रा तकरीबन 70 प्रतिशत है. चीन, अमेरिका, जर्मनी और स्विटज़रलैंड जैसे देशों में भारत इसका निर्यात करता है.   

English Summary: Women are earning profit of lakhs from farming of lakhs Published on: 17 November 2021, 11:51 AM IST

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