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महिलाओं की कंपनी से बिकी करोड़ों रुपए की सब्जी, जानें कैसे रचा इतिहास?

महिला किसानों ने एक कंपनी बनाई है, जिसका नाम चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कंपनी की सभी बोर्ड सदस्य महिलाएं हैं. महिलाएं ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं. इन लोगों ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट किया और कंपनी बनाई.

प्राची वत्स
महिलाओं ने रचा इतिहास
महिलाओं ने रचा इतिहास

आजकल महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने में पीछे नहीं हटती हैं. अगर कृषि क्षेत्र की बात करें, तो अक्सर किसानों की बात की जाती है, लेकिन मौजूदा वक्त में महिलाएं भी कृषि क्षेत्र में अपनी मिसाल कायम कर रही हैं.

यानि आज का समय काफी बदल गया है. आज महिलाएं खेती-बाड़ी करके आत्मनिर्भर बन रही हैं और देश के लिए एक अनोखी मिसाल कायम कर रही हैं. ऐसी ही एक उदाहरण झारखंड के हजारीबाग से सामने आया है.

दरअसल, महिला किसानों ने एक कंपनी बनाई है, जिसका नाम चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कंपनी की सभी बोर्ड सदस्य महिलाएं हैं. महिलाएं ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं. इन लोगों ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट किया और कंपनी बनाई. उनसे खेती करवाकर उनके उत्पाद को बाजार में बेचा. इससे देश के किसानों को बहुत अच्छा लाभ मिल रहा है. अगर ग्रामीण इलाकों की बात करें, तो वहां की महिलाएं घर से निकलकर खेतों तक जाती थी, लेकिन अब महिलाएं घर से बाहर निकलकर कुछ नया कर रही हैं. आज इस कंपनी की 2500 से अधिक अंक धारक हैं, जिसका 18 लाख रुपया अंश पूंजी है और 7000 से अधिक महिला किसान इस कंपनी से जुड़ी हैं.

ढाई करोड़ रुपये की बेची सब्जी

महिलाओं की इस कंपनी ने एक साल में ढाई करोड़ रुपये की सब्जी की बिक्री कर दी है. वहीं अपने नाम एक बेमिसाल उपलब्धि हासिल कर ली है. इस कंपनी ने देशभर में सबसे अधिक सब्जियों का व्यापार करने में पहला स्थान बनाया है.

हजारीबाग के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चूरचू मे झारखंड का एकमात्र महिलाओं के द्वारा चलाया जाने वाला FPO कार्यरत है. चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 6 जून 2018 में हुआ. इस कंपनी का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं, किसानों को एकजुट कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा करना है. शुरुआती दौर में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन कहा जाता है कि वो काम ही कैसा जिसमें चुनौतियां का सामना ना करना पड़े.  

अनेकों चुनौतियों का डटकर किया सामना (Faced with many challenges)

आज इस कंपनी में 7000 से अधिक महिला किसान सदस्य हैं, जिनमें लगभग 2500 महिला अंश धारक हैं. इतना ही नहीं, 18 लाख रुपया इनका अंश पूंजी है. इस वित्तीय वर्ष में इन्होंने दो करोड़ 75 लाख रुपए की कृषि उत्पाद बेचकर इतिहास रच दिया है. इन महिलाओं को अपने इस कार्य का इनाम भी मिला है. देशभर में बेहतरीन काम करने को लेकर दिल्ली में 17 दिसंबर को लाइवलीहुड सम्मिट एफपीओ इंपैक्ट अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन रोबो बैंक, नाबार्ड, नीति आयोग के सहयोग से किया गया, जिसमें देशभर के छोटे-बड़े 450 एपीओ ने हिस्सा लिया था.

महिलाओं ने रचा इतिहास (Women Made History)

लघु श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल करने पर कंपनी की चेयरमैन सुमित्रा देवी का खुशी का ठिकाना नहीं है. उनका कहना है कि यह हमारा प्रयास नहीं, 7000 महिला किसानों की मेहनत का रंग है, जो आज पूरे देश भर में दिख रहा है. हम लोगों का उद्देश्य महिलाओं को एकजुट करना और उनसे खेती संबंधी काम करवाना है.

महिलाओं को किया गया सम्मानित (Women were Honoured)

दिल्ली में सम्मानित होने के बाद ये हजारीबाग के चूरचु पहुंची है और फिर से महिलाओं को उत्साहित और प्रोत्साहित करने में लगी हुई हैं. कंपनी से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि पहले हम लोगों को काफी समस्या होती थी, जैसे उत्पाद कहां बेचना है? कैसे उसका उत्पादन करना है? मगर इस अब कंपनी ने हमारी सारी समस्याओं का अंत किया है. अब हमारे खेत से ही सारा सामान बिक जाता है. बीज और खाद भी हमें बाजार से सस्ते दाम पर मिल जाते हैं.

English Summary: Women created history, sold vegetables worth crores in a year Published on: 30 December 2021, 01:35 PM IST

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