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राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को किया कृषि के लिए जागरूक

आज हम बात करेंगे ऐसी महिलाओं के बारे में जिन्होंने कृषि को अपना व्यवसाय चुन कर एक मिसाल पैदा की है और पुरषों से ऊपर उठ कर दिखाया है. इसलिए आज का ख़ास दिवस उन्हीं महिला किसानों को समर्पित है जानकारों का मानना है कि महिलाओं का कृषि क्षेत्र में बढ़ती संख्या उत्पादन में बढ़ोतरी करवा सकती है.

आज हम बात करेंगे ऐसी महिलाओं के बारे में जिन्होंने कृषि को अपना व्यवसाय चुन कर एक मिसाल पैदा की है और पुरषों से ऊपर उठ कर दिखाया है. इसलिए आज का ख़ास दिवस उन्हीं महिला किसानों को समर्पित है जानकारों का मानना है कि महिलाओं का कृषि क्षेत्र में बढ़ती संख्या उत्पादन में बढ़ोतरी करवा सकती है. जिससे आय के साधन बढ़ेंगे और किसानों के साथ-साथ देश को काफी फायदा होगा. ग्रामीण  महिलाएं-पुरषों की अपेक्षा ज्यादा समय काम करती हैं और साथ-साथ घर और बच्चों का भी ध्यान रखती हैं.

खेती से जुड़ रहीं करोड़ो महिलाएं

भारत में कृषि में 6 करोड़ से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही हैं. इसलिए राष्ट्रीय महिला किसान दिवस  के द्वारा सरकार चाहती है की ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का रुझान इस व्यवसाय में बढ़े जिससे इस क्षेत्र में ज्यादा विकास हो, इसलिए वह कृषि क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं. 

सरकार द्वारा पुरस्कृत :

कृषि में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस मनाया गया. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने नई दिल्ली में समारोह को संबोधित किया. महिला किसान, महिला उद्यमी, कृषि संगठन, कृषि वैज्ञानिक और विभिन्न राज्यों के शोधकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. सरकार ने यहां तक कहा की अगर कोई महिला कृषि में अच्छा योगदान देगी तो उस महिला कृषक को सम्मानित किया जायेगा. जिससे उत्साहित हो कर और भी महिलाएं इस क्षेत्र में आएगी जो की कृषि विकास के लिए बहुत अच्छा है.

महिलाओं के लिए अभियान :

महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता अभियान चलाये जायेंगे. पिछड़ी वर्ग की औरतों को इस क्षेत्र में आधुनिक खेती करना और कृषि सम्बंधित जानकारियां प्रदान की जाएगी जिनसे उनको कृषि में काफी मदद मिलेगी. महिला दिवस के जरिए करोड़ो महिलाओं को मदद मिलेगी.

भेद-भाव एक बड़ी समस्या :

कृषि क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों का काफी भेद -भाव है जिसकी वजह से महिलाओं को इस क्षेत्र में नहीं आने दिया जाता जिस कारण महिलाएं घर के दायरे में सिमट कर रह गयी हैं.  जब तक यह भेदभाव खत्म नहीं होगा तब तक महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती.  अगर यह भेद खत्म किया जाये तो हमारे देश की खाद्य स्थिति में काफी  हद तक सुधार आ सकता है.

वर्ष 2016 में, मंत्रालय ने हर साल 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. महिलाएं कृषि में बहु-आयामी भूमिका निभा रही हैं.

मनीशा शर्मा, कृषि जागरण

English Summary: Women are made aware of agriculture on National Women's Day Published on: 16 October 2018, 05:23 PM IST

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