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‘कुल्हड़ चाय’ की सोंधी खुशबू से महकेंगे देश के अब अनेक रेलवे स्टेशन

‘कुल्हड़ चाय’ की सोंधी खुशबू जल्द ही राजस्थान के अनेक रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाली है.जिन रेलवे स्टेशनों के यात्री इस चाय का लुत्फ उठा सकेंगे उनमें बीकानेर, सिरसा, भिवानी, हनुमानगढ़, श्री गंगानगर, चूरू, सूरतगढ़, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, भगत की कोठी, लूनी, जयपुर, झुंझुनू, दौसा, गांधी नगर, दुर्गापुरा, सीकर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही रोड और आबू रोड आदि शामिल हैं.

चन्दर मोहन
The fragrant scent of 'Kulhad tea'

कुल्हड़ चाय’ की सोंधी खुशबू जल्द ही राजस्थान के अनेक रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने वाली है.जिन रेलवे स्टेशनों के यात्री इस चाय का लुत्फ उठा सकेंगे उनमें बीकानेर, सिरसा, भिवानी, हनुमानगढ़, श्री गंगानगर, चूरू, सूरतगढ़, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, भगत की कोठी, लूनी, जयपुर, झुंझुनू, दौसा, गांधी नगर, दुर्गापुरा, सीकर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही रोड और आबू रोड आदि शामिल हैं. इससे पहले केन्द्रीय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) मंत्री नितिन गडकरी के अनुरोध पर केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को इस संबंध में निर्देश जारी करने का आदेश दिया था. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यंक्ष वी.के. सक्सेना ने पिछले वर्ष केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया था कि प्लास्टिक के बर्तनों के स्थान पर कुल्ह‍ड़ और मिट्टी के अन्य बर्तनों का उपयोग करने के लिए एक पायलट परियोजना के तहत वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए.

Rules of Indian Railways

इस परियोजना के लिए अनुमति दी गई और संबंधित डीआरएम द्वारा पेश की गई इन दो रेलवे स्टेशनों से जुड़ी 6 माह की रिपोर्ट अत्यंत उत्साहवर्धक पाई गई. वी.के. सक्सेना ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, ‘यह प्लास्टिक के उत्पादों के स्थान पर मिट्टी से बने उत्पालदों का उपयोग करने के लिए उत्तर-पश्चिमी रेलवे द्वारा उठाया गया एक स्वागत योग्य कदम है. मिट्टी से बने बर्तनों के बाजार का अभाव होने के कारण देश के कुम्हारों को अपनी जीविका चलाने के लिए अन्य् छोटे कार्यों को अपनाना पड़ रहा है. इसमें बड़ी संख्या में कामगार लगे हुए हैं.

केवीआईसी ने कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पिछले वर्ष कुम्हार सशक्तिकरण योजना शुरू की थी और पत्थरों के पुराने चाकों के स्थान पर 10,000 इलेक्ट्रिक चाकों का वितरण किया था. 400 रेलवे स्टेशनों की जरूरतों की पूर्ति के लिए केवीआईसी ने इस वर्ष देश भर में 30,000 इलेक्ट्रिक चाक वितरित करने की योजना बनाई है. 30,000 इलेक्ट्रिक चाकों की मदद से प्रति दिन लगभग 2 करोड़ कुल्हड़ तैयार किये जाएंगे. इससे न केवल संबंधित क्षेत्र के कुम्हार समुदाय का आत्म विश्वास बढ़ेगा, बल्कि पर्यटकों की अच्छी सेहत को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी. यही नहीं, ट्रैवल एवं पर्यटन उद्योग को अनूठे भारतीय स्वाद का आनंद भी मिलेगा.’

'Kulhad tea'

केवीआईसी देश भर में कुम्हारों को सशक्त बनाने के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहा है. केवीआईसी ने अकेले राजस्थान में वर्ष 2018 से लेकर अब तक 1500 से भी अधिक इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए हैं. इसके साथ ही केवीआईसी ने ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ के तहत अब तक लगभग 6000 कुम्हारों को आजीविका प्रदान की है.

English Summary: Many railway stations in the country will smell from the smell of Kulhad Chai Published on: 30 November 2019, 12:21 PM IST

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