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ई-नाम योजना से जुड़े करोड़ों किसान, उठा रहें दोगुना फायदा

किसानों को अब खेती के क्षेत्र में कोई समस्या आने पर परेशान होने की जरुरत नहहीं है, क्योंकि सरकार किसानों हित में लगातार कई अहम कदम उठा रही हैं. जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट यानी ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) की शुरुआत की. इस स्कीम से किसान और खरीदार के बीच से दलाली खत्म कर दी है. जिसका लाभ किसानों से लेकर ग्राहकों को मिल रहा है. इस स्कीम का उद्देश्य है कि देश का हर एक राज्य में मंडी बने. इससे लाभ ये होगा कि किसी भी राज्य का किसान अपनी उपज दूसरे किसी भी राज्य में बेच सकता है. इस तरह कृषि उपज को लाने- ले जाने और मार्केटिंग करने में आसानी होगी.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

किसानों को अब खेती के क्षेत्र में कोई समस्या आने पर परेशान होने की जरुरत नहहीं है, क्योंकि सरकार किसानों हित में लगातार कई अहम कदम उठा रही हैं. जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट यानी ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi)  की शुरुआत की. इस स्कीम से किसान और खरीदार के बीच से दलाली खत्म कर दी है. जिसका लाभ किसानों से लेकर ग्राहकों को मिल रहा है. इस स्कीम का उद्देश्य है कि देश का हर एक राज्य में मंडी बने. इससे लाभ ये होगा कि किसी भी राज्य का किसान अपनी उपज दूसरे किसी भी राज्य में बेच सकता है. इस तरह कृषि उपज को लाने- ले जाने और मार्केटिंग करने में आसानी होगी.

जानिए ई-नाम स्कीम से जुड़ी बातें

ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है, जोकि भारत में मौजूद एग्री प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क में जोड़ रहा है. जिसका मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार उपलब्ध करवाना है. ई-नाम से किसान तेजी से जुड़ रहे हैं. देश के करीब 18 राज्यों में इसका संचालन हो रहा है. इस स्कीम में देश के विभिन्न  राज्यों में स्थित कृषि उपज मंडी को इंटरनेट के जरिए जोड़ा गया है. इससे देश की करीब 585 मंडियां जुड़ी है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक,  इस स्कीम से करीब के 1,65,73,893 किसान जुड़े हैं, जबकि साल 2017 तक सिर्फ 17 हजार किसान ही जुड़ पाए थे, लेकिन अब संख्या बढ़ती जा रही है.

enam mandi

किसान को मिली राहत

किसानों की सबसे बड़ी समस्या बाजार और उत्पाद का अच्छा दाम मिलना है. वह कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, लेकिन जब फसल तैयार होकर बाजार में जाती है, तो वहां फसल का औना–पौना दाम लगता है. जिससे किसान को परेशान होना पड़ता है. सरकार ने किसानों के इस दर्द को समझा और देशभर में फसलों की ऑनलाइन बिकवाली के लिए ई-मंडी खोल दी. इसकी शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को हुई. जिसके बाद किसान अब बिचौलियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं हैं. इसका सीधा लाभ किसानों से लेकर ग्राहकों को मिलेगा.

ई-नाम से जुड़ने का तरीका

अगर कोई किसान इस स्कीम का लाभ उठाना चाहता है, तो सबसे पहले उसे सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट www.enam.gov.in पर जाना  होगा.  इसके बाद रजिस्ट्रेशन टाइप करना होगा. वहां किसान (Farmer) का एक ऑप्शन आएगा. फिर आपको अपनी ई-मेल आईडी देना होगी. इसमें आपको ई-मेल के जरिए लोगिन आईडी ओर पासवर्ड का मेल आएगा.  इसके बाद आपको टैंपरेरी ई-मेल आईडी और पासवर्ड मिलेगा. फिर आप www.enam.gov.in की वेबसाइट पर लॉगिन कर डैशबोर्ड पर आप अपने KYC डॉक्युमेंट से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जैसे ही APMC आपके KYC को अप्रूव करेगा. वैसे ही आप अपना कारोबार शुरू कर पाएंगे.

English Summary: how to register for e nam scheme Published on: 26 December 2019, 05:31 IST

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