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गेहूं की अधिक पैदावार के लिए वैज्ञानिक विधि से करें बुवाई, इन निम्न बातों का रखें विशेष ध्यान

भारत का गेहूं की खेती और उत्पादन में प्रमुख स्थान है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं. गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. अगर किसान गेहूं की उन्नत किस्मों और वैज्ञानिक विधि से बुवाई करते हैं, तो इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. गेहूं की खेती पर काफी अनुसंधान हो रहा है, साथ ही उन्नत किस्मों के लिए खेती की नई विधियां निकाली जा रही हैं, इसलिए आवश्यक है कि हर किसान को गेहूं की खेती की नई और सही जानकारी हो. इससे वह गेहूं की अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आज हम अपने किसान भाईयों को गेहूं की नई और उन्नत खेती संबंधी जानकारी देने जा रहे हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें.

कंचन मौर्य
Wheat
Wheat

भारत का गेहूं की खेती और उत्पादन में प्रमुख स्थान है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं. गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. 

अगर किसान गेहूं की उन्नत किस्मों और वैज्ञानिक विधि से बुवाई करते हैं, तो इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. गेहूं की खेती पर काफी अनुसंधान हो रहा है, साथ ही उन्नत किस्मों के लिए खेती की नई विधियां निकाली जा रही हैं, इसलिए आवश्यक है कि हर किसान को गेहूं की खेती की नई और सही जानकारी हो. इससे वह गेहूं की अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. आज हम अपने किसान भाईयों को गेहूं की नई और उन्नत खेती संबंधी जानकारी देने जा रहे हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें.

गेहूं की अधिक पैदावार के लिए निम्न बातों पर विशेष ध्यान दें

  • अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान अपने क्षेत्र के लिए अनुमोदित उन्नत किस्म के बीज का चुनाव करें.

  • किसानों को अधिक पैदावार लेने के लिए शुद्ध प्रमाणित बीज उगाना चाहिए.

  • खेत में पौधों की उचित संख्या के लिए आवश्यक है कि गेहूं का जमाव कम से कम 85 प्रतिशत हो.

  • धान की कटाई के बाद पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चहिए. इसके बाद 2 से 3 हल्की जुताई करनी चाहिए.

  • अगर खेत में नमी की कमी है, तो बुआई के 8 से 10 दिन पहले सिंचाई कर देना चाहिए.

  • अधिक पैदावार के लिए गेहूं में 120 किग्रा खाद प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालनी चाहिए.

  • खाद की दो-तिहाई या आधी मात्रा बुआई के समय, एक तिहाई या आधी मात्रा पहली सिंचाई के समय कतारों के बीच में डालनी चाहिए.

  • अगर रेतीली भूमि में खेती कर रहे हैं, तो खाद 3 बार डालनी चाहिए.

  • अगर धान के बाद गेहूं की बुवाई कर रहे हैं, तो खाद की मात्रा 150 किग्रा प्रति हेक्टर से देनी चाहिए.

  • खाद मिट्टी की जांच के आधार पर डालनी चाहिए. अगर जांच नहीं कर पाते हैं, तो 50 से 60 किग्रा प्रति हेक्टर की दर से डालनी चाहिए.

  • खाद खेत में तभी डालें, जब इसकी कमी हो.

  • गेहूं की अच्छी और अधिक पैदावार के लिए समय पर बुआई कर देना चाहिए.

  • फसल की अच्छी पैदावार के लिए 100 किग्रा बीज की मात्रा पर्याप्त रहती है.

  • खाद खेत में तभी डालें, जब इसकी कमी हो.
  • गेहूं की अच्छी और अधिक पैदावार के लिए समय पर बुआई कर देना चाहिए.

  • फसल की अच्छी पैदावार के लिए 100 किग्रा बीज की मात्रा पर्याप्त रहती है.

  • अगर गेहूं की बुवाई देर से करते हैं, तो बीज की मात्रा बढ़ाकर 125 किग्रा प्रति हेक्टेयर कर देना चाहिए.

  • गेहूं का बीज समुचित नमी वाली भूमि में 8 सेमी की गहराई पर डालना चाहिए. ध्यान रहे कि बीज को अधिक गहराई में न बोएं.

English Summary: Information on scientific sowing of wheat Published on: 11 September 2020, 01:57 PM IST

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