IMD Monsoon Prediction: दिल्ली और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में मानसून का इंतजार अब खत्म होने वाला है. मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मानसून अपनी सामान्य गति से तेज चल रहा है और अनुमान है कि यह 20 जून तक राजस्थान की धरती पर दस्तक दे देगा. मानसून का यह आगमन सिर्फ मौसम में बदलाव नहीं लाएगा, बल्कि राज्य के लाखों किसानों के चेहरे पर मुस्कान भी बिखेरेगा.
आइए जानते हैं मानसून की बरसात दिल्ली-राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में कब देखने को मिलेगी.
20 जून से होगी मानसून की एंट्री
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ने महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों को पार कर लिया है और अब मध्य प्रदेश में तेजी से प्रवेश कर रहा है. 15 जून तक इसके मध्य प्रदेश में पूरी तरह पहुंचने की उम्मीद है और फिर इसके अगले 5 दिनों में यानी 20 जून तक यह बांसवाड़ा जिले से राजस्थान में प्रवेश कर सकता है.
इसके बाद मानसून धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैलेगा:
- 25 जून तक कोटा और उदयपुर में बारिश की शुरुआत.
- 30 जून तक जयपुर, अजमेर और जोधपुर में बरसात की उम्मीद.
- 5 जुलाई तक बीकानेर, झुंझुनूं, जैसलमेर और शेष हिस्सों में भी झमाझम बारिश.
इस बार औसत से ज्यादा होगी बारिश
इस बार मानसून की सक्रियता सामान्य से अधिक रहने वाली है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि राजस्थान में औसत से करीब 115% ज्यादा वर्षा हो सकती है. यह खबर राज्य के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि अच्छी बारिश का सीधा असर फसलों की बुआई, उत्पादन और लागत पर पड़ता है. अच्छी बारिश से खरीफ फसलों जैसे बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द और सोयाबीन की बुआई समय पर और बेहतर तरीके से हो सकेगी, जिससे पैदावार भी बढ़ेगी.
दिल्ली-एनसीआर को भी राहत की उम्मीद
राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं. लेकिन अब मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है. दिल्ली में मानसून 25 से 27 जून के बीच पहुंच सकता है, जो कि सामान्य तारीख 29 जून से पहले है. यह संकेत है कि इस बार मानसून उत्तर भारत में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. गौरतलब है कि 27 मई को ही मानसून ने केरल तट पर समय से पांच दिन पहले दस्तक दी थी, जो कि 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन है. बंगाल की खाड़ी में अनुकूल परिस्थितियों के चलते मानसून तेजी से उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है.
राजस्थान में प्री-मानसून ने दी दस्तक
राजस्थान के कई जिलों में इस समय प्री-मानसून की बारिश देखी जा रही है. जयपुर, अजमेर, टोंक, सीकर, नागौर और श्रीगंगानगर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इससे खेतों की मिट्टी में नमी बढ़ रही है और तापमान में भी राहत मिल रही है. इससे यह साफ संकेत मिलते हैं कि मानसून की गतिविधियां अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं.
मानसून कैसे करता है बारिश?
मानसून समुद्र से उठने वाली नमी युक्त हवाओं की वजह से बनता है. जब गर्मियों में जमीन गर्म हो जाती है तो वहां कम दबाव बनता है, जबकि समुद्र में उच्च दबाव रहता है. इसी दबाव के अंतर से हवाएं समुद्र से जमीन की ओर आती हैं और जब ये हवाएं पर्वतीय इलाकों से टकराती हैं, तो वर्षा होती है.
भारत में मानसून की दो शाखाएं होती हैं:
- अरब सागर शाखा: यह शाखा पश्चिमी तट से होकर केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में तेज बारिश करती है.
- बंगाल की खाड़ी शाखा: यह शाखा पूर्वी भारत से होकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और हिमालयी राज्यों में वर्षा लाती है.
राजस्थान में मानसून मुख्य रूप से अरब सागर शाखा से प्रवेश करता है, जबकि पूर्वी हिस्सों में बंगाल की खाड़ी शाखा का भी प्रभाव पड़ता है.