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18वीं शताब्दी से शुरू हुए इस आम कि कहानी बहुत ही रोचक रही है. इसका कई साल पुराना पेड़ जिस गाँव में है उसी गाँव के नाम पर पड़ा है इस आम का नाम. उत्तर प्र…