जुगल (ट्रॉटस्की) आज भी वैसा ही था जैसा और दिनों में रहा करता था. सादी वेशभूषा और चेहरे पर वही हास्य का रंग. बल्कि उसने ऑफिस में और दिनों की तरह लोगों…
शादी होना कोई नई बात तो नहीं है. यह रिवाज़ सदियों से जारी है. एक पुरुष और स्त्री जब अपनी मर्ज़ी से एक साथ रहने का फैसला करते हैं तब उस फैसले को समाज म…
दीवानगी, सच्चा प्यार, मोहब्बत और इश्क. ये सब आज किसी गुज़रे ज़माने की बात लगते हैं. आज इन सबकी कीमत घट गयी है. एक ओर सिनेमा को जहां समाज में अश्लीलता…
आज संयुक्त परिवार लगातार टूट रहे हैं. परिवार टूटकर छोटे हो रहे हैं और एकल परिवारों में बदल रहे हैं. शहरों में यह पाश्चात्य बुराई बहुत पहले आ गई थी और…