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अभी तक किसान अपनी उपज को पारंपरिक तौर पर या तो सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचते रहे हैं या फिर खुले बाजार में आढ़तियों की मनमानी का शिकार होते आ रहे हैं.…