बढ़ती जनसंख्या, अपर्याप्त सरकारी योजना, बढ़ते कार्पोरेटाइजेशन, औद्योगिक और मानवीय अपशिष्ट, आदि के कारण भारत इतिहास का सबसे बड़ा जल संकट झेल रहा है.
भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय स्थान ज़रूर है, लेकिन हर नागरिक तक पानी तक समान पहुंच चुनौती बनी हुई है।