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जहां नजर गई वहीं प्राकृतिक विपदाओं के कहर का शिकार हुई मानवीय बदहाली ही दिखी. कल तक मुस्कुराते चेहरे खामोश हो चुके थे. इस बदहाली को अपनी जुबां से बयां…