Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 February, 2021 7:14 PM IST
Farmer Ishaq Ali

किसानों की आमदानी को बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अक्सर परंपरागत खेती को छोड़ नई फसलों को उगाने की सलाह देते हैं. इसी बात से प्रेरित होकर राजस्थान के सिरोही जिले के इशाक अली आज सौंफ की खेती करके मालामाल हो गए हैं. इससे पहले वे भी कपास और गेहूं समेत अन्य फसलों की उपज लेते थे. तो आइये जानते हैं राजस्थान के 'सौफ किंग' कहे जाने वाले इशाक अली की सफलता की कहानी.

सालाना 25 लाख की कमाई

12 वीं तक पढ़े इशाक ने 2007 में सौंफ की खेती शुरू की. इसके पहले वे अपने पिता के साथ परंपरागत खेती करते थे. लगभग 15 एकड़ में सौंफ बो रखी है जिससे हर वर्ष वे 25 टन उत्पादन लेते हैं. जिससे उन्हें लगभग 25 लाख रुपये की सालाना कमाई होती है. यही वजह है कि उन्हें राजस्थान का 'सौंफ किंग' कहा जाने लगा है. उनसे सौंफ का बीज देश भर के कई किसान लेते हैं. यही वजह है कि वे आसपास के क्षेत्रों के दूसरे की किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं. 

 

आबू सौंफ 440 किस्म

इशाक का कहना है कि एक एकड़ में सौंफ की खेती करने में 30 से 35 हजार रूपये का खर्च आता है. इसके लिए वे सौंफ की उन्नत किस्म की बुवाई करते हैं. सौंफ की खेती के अलावा इशाक खुद की नर्सरी भी चलाते हैं. आज वे 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने सौंफ की उन्नत किस्म ‘आबू सौंफ 440’ खुद विकसित की है. वे बताते हैं कि उनकी इस किस्म की राजस्थान के अलावा गुजरात में भी मांग रहती है.

क्यारियों के बीच 7 फीट की दूरी

वे बताते हैं कि कोई भी नई फसल उगाने से पूर्व यह जानकारी जरूर ले लेना चाहिए कि वह आपके इलाके के लिए उचित है या नहीं है. उन्होंने भी सौंफ की खेती के करने के पहले बीज, बुवाई और सिंचाई करने का विधिवत प्रशिक्षण लिया है. यही वजह हैं कि वे बंपर उत्पादन ले पाते हैं. उन्होंने बताया कि जहां लोग सौंफ की खेती के लिए कतार से कतार की दूरी आमतौर पर 2-3 फीट रखते हैं लेकिन वे यही दूरी 7 फीट की रखते हैं. इस वजह से उन पैदावार भी अधिक मिलती है. 

English Summary: This farmer is studying 12th, earning a hefty profit from fennel cultivation, earning 25 lakh annually
Published on: 08 February 2021, 07:18 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now