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Updated on: 18 September, 2022 4:18 PM IST
This farmer is earning lakhs from date palm farming

आज के इस आधुनिक समय में देश के किसान खेती कर अपने जीवन को सुधार रहे हैं. ये ही नहीं वह खेती में नवाचारों के तरीकों को अपनाकर देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान भी बना रहे हैं. देखा जाए तो अधिक मुनाफा कमाने के लिए ज्यादातर किसान अब पारंपरिक फसलों (traditional crops) की जगह फल, सब्जी, मसाले और औषधीय फसलों की खेती (cultivation of medicinal crops) तेजी से कर रहे है.

आज हम आपको ऐसे ही एक किसान के बारे में बताएंगे, जिन्होंने खेती से अपनी कई परेशानियों को दूर किया है और एक सफल किसान की श्रेणी में आ गए हैं. आपको बता दें कि यह कहानी राजस्थान के केहराराम चौधरी की है. जिन्होंने जैविक विधि (biological method) से फलों की बागवानी करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. इन्होंने अपने खेत के लगभग 7 हेक्टेयर में खजूर और अनार की जैविक खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया है. आज के समय में दूर-दूर से कई किसान भाई इनकी खेती को देखने के लिए आते हैं. गौरतलब की बात है कि किसान केहराराम चौधरी सिर्फ 10वीं पास हैं और आज के समय में अधिक पढ़ें-लिखे युवाओं से कई गुना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं.

टेलीविजन के जरिए आया आईडिया (idea through television)

किसान केहराराम चौधरी बताते हैं कि साल 2012 में उन्हें टीवी कार्यक्रम से प्रेरित होकर अपने खेत में खजूर की खेती करने के बारे में विचार आया. इसके इसलिए उन्होंने गुजरात के भुज में जाकर विशेषज्ञों से खजूर की खेती (date palm cultivation) के बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्रित की. उन्होंने बताया कि उन्हें वहां से इजराइली तकनीक से खजूर का उत्पादन (Production of dates with Israeli technology) के बारे में पता चला. जिससे वह अधिक मात्रा में उत्पादन प्राप्त कर रहे है.

इसके बाद तो किसान केहराराम चौधरी की जिंदगी ही बदल गई. उन्होंने सभी जानकारी एकत्रित करने के बाद बरी किस्म के खजूर के 312 पौधों का ऑर्डर किया और फिर ढ़ाई साल बाद पौधों की सप्लाई होते ही 2 हेक्टेयर खेत में खजूर की जैविक खेती शुरू की. वह यह भी बताते हैं कि खजूर की खेती (date palm cultivation) से पहले वह खेत में अनार की बागवानी किया करते थे. जिससे उन्हें बेहद लाभ प्राप्त हुआ है.

गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का क्या इस्तेमाल (What is the use of cow dung manure and vermi compost)

किसान केहराराम बताते हैं कि वह अपने खेत में रासायनिक खाद-उर्वरकों के बजाय गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. वह यह भी बताते हैं कि जैविक खेती से मुनाफा कमाने के लिए धीरे-धीरे 2 हेक्टेयर में फैली खजूर की बागवानी को 4 हेक्टेयर तक बढ़ा दिया और फिर बरी किस्म के साथ मेडजूल किस्म के खजूर की भी खेती करने लगे.

इस तरह से उन्होंने अपने खेत के एक पेड़ से लगभग 100 किलो खजूर का उत्पादन प्राप्त हुआ है. बाजार में खजूर लगभग 1000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकते हैं. किसान केहराराम के बाग से प्रतिवर्ष लगभग 21,200 किलो खजूर होते हैं, जिससे उन्होंने सालाना 30 लाख रुपये से अधिक की कमाई होती है.

अन्य फलों की खेती से भी कमाया मुनाफा

वर्तमान समय में किसान केहराराम अपने खेत के 7 हेक्टेयर जमीन पर गेहूं, बाजरा, मूंग, मोठ, अरंडी और रायडा, खजूर और अनार की बागवानी (Grain horticulture) कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपने खेत में खजूर के पौधे (date palm plants) लगाने से पहले उन्होंने साल 2009 में अनार के 2500 पौधे लगाए और उनसे उन्हें 25 से 30 किलो प्रति पेड़ से फल प्राप्त हुए. किसान केहराराम ने यह साबित कर दिया है कि खेती में नवाचारों (innovation in agriculture) को अपनाने से किसान कुछ ही सालों में लखपति बन सकता और साथ ही काफी कुछ नया सीख सकता है.

किसान केहराराम चौधरी

मेडजूल और बरही किस्म को लगाने की सही विधि (Correct method of planting Medjool and Barhi varieties)

किसान इनके पौधों को जुलाई से सितंबर के बीच लगा सकते हैं. इसकी बागवानी आप किसी भी तरह की मिट्टी में कर सकते हैं. इस बात का विशेष ध्यान रहे कि एक पौधे से दूसरे पौधे व एक कतार से दूसरी कतार के बीच लगभग 8 मीटर की दूरी होनी आवश्यक है. ताकि पौधे अच्छे से वृद्धि कर सके. इस विधि के जरिए आप एक एक हेक्टेयर में 156 पौधे ही लगा सकते हैं, जो आपको लाखों का मुनाफा कमा कर देगा.

राजस्थान के कितने जिलों में होती है खजूर की खेती

एक सर्वे से पता चला है कि राजस्थान के कई जिलों में खजूर की खेती से किसान अपनी जिंदगी को बदल रहे हैं. बता दें कि राजस्थान के तकरीबन 12 जिलों में खजूर की खेती (date palm cultivation) की जाती है.

12 जिलों के नाम

जालौर, बाड़मेर, चूरू, जैसलमेर, सिरोही, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, बीकानेर और झुंझुनूं .

सरकार की मदद (Government help)

किसानों की मदद के लिए सरकार भी खजूर की खेती (Date palm cultivation करने वाले किसान भाइयों की  सहायता करती है. खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार से किसानों को लगभग 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा किसानों को इसकी खेती के लिए टिश्यू कल्चर तकनीक (tissue culture techniques) से उत्पादित खजूर के पौधे भी उपलब्ध करवाए जाते हैं.

English Summary: This farmer is earning lakhs from date palm farming, know full information
Published on: 18 September 2022, 04:28 PM IST

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