किसान अधिक लाभ कमाने के लिए अपनी परंपरागत खेती को छोड़ अन्य फसल की खेती करना शुरू कर देते हैं. जिससे वह बाजार में अधिक मुनाफा कमा सकें. आज हम आपको ऐसे ही एक किसान परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने धान-गेहूं की खेती को छोड़ वातानुकूलित फार्म मशरूम की खेती (Air Conditioned Farm Mushroom Cultivation) कर अच्छा लाभ कमा रहे है. तो आइए इस सफल किसान परिवार के बारे में विस्तार से जानते हैं....
वातानुकूलित फार्म से मशरूम की खेती (Mushroom cultivation from air conditioned farm)
देखा जाए, तो मशरूम की खेती (Mushroom farming) करने और उसे बाजार में बेचने का उपयुक्त समय सर्दियों में होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवंबर से फरवरी महीने के बीच मशरूम की खेती की जाती है, लेकिन वातानुकूलित फार्म के बेहतरीन से यह परिवार सालभर मशरूम की खेती कर अपना अच्छा व्यवसाय चला रहा है.
पंजाब के अमृतसर में रहने वाले रंधावा परिवार अपनी धान-गेहूं की खेती (paddy-wheat farming) को छोड़कर मशरूम से अच्छा मुनाफा कमा रहा है. उनका मानना है कि मशरूम की खेती के मुकाबले धान-गेहूं की खेती अधिक खर्चीली होती है. इसमें पानी की मात्रा बहुत अधिक लगती है. इन सब परेशानी के कारण ही रंधावा परिवार ने इस खेती को छोड़ मशरूम की खेती को अपनाया और आज वह एक सफल किसान है.
सालाना 50 लाख तक मुनाफा (Annual profit up to 50 lakhs)
रंधावा परिवार की हरजिंदर कौर बताती है, कि अपनी जमीन पर मशरूम की खेती (Mushroom farming) के साथ 1989 में अपना पहला प्रयोग किया जिसमें उन्हें सफलता मिली है. इसके बाद उन्होंने साल 1990 में इसकी खेती अपने घर से तीन किलोमीटर दूर बटाला रोड के पास चार एकड़ खेत में शुरू की और साथ ही इसकी उपज को भी बेचना शुरू कर दिया. अधिक मुनाफा कमाने के लिए रंधावा परिवार ने इसकी खेती को सर्दी के साथ-साथ गर्मी के मौसम में भी करना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने अपने खेत में शेड बनाए और उसमें एयर कूलर और वाटर स्प्रिंकलर का इस्तेमाल किया. इस विषय में रंधावार परिवार के मनदीप का कहना है कि साल 2020 में लगभग 1.5 में मशरूम के वातानुकूलित फार्म(Conditioned Farm of Mushrooms) को अपनी जमीन पर तैयार कर अच्छा मुनाफा कमाना शुरू किया. उन्होंने यह भी बताया की इस वातानुकूलित फार्म को बनाने के लिए लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े, लेकिन खर्च के बाद रंधावा परिवार को अच्छा मुनाफा मिला. मनदीप का कहना है कि बिजली, लेबर, और खाद जैसी लागतों के भुगतान करने के बाद भी हमें हर साल लगभग 50 लाख रुपए तक का लाभ प्राप्त होता है.
लोगों को दिया रोजगार (employment given to people)
रंधावा परिवार के खेत में लगभग 100 लोग काम करते हैं, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं. जो फसल की उगाई से लेकर उनकी पैकेजिंग तक कई अन्य कार्य करती हैं. रंधावा परिवार का कहना है कि हमारे फार्म में चिप्स, अचार, भुजिया और अन्य तरह की खाद्य सामग्री (Food item) को तैयार किया जाता है, जो बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं. रंधावा परिवार गांव के सभी किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं, ताकि वह भी अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सके और बाजार में अपनी फसल से लाभ कमा सकें.
वातानुकूलित फार्म में तापमान का है सारा खेल (Temperature is all in the air conditioned farm)
रंधावा परिवार के वातानुकूलित फार्म एक मंजिला का बना है. जिसमें खेती के लिए लगभग 12 डार्क रूम मौजूद है. प्रत्येक रूप लगभग 600 वर्ग फूट का है. हर एक रूम में दोनों तरफ लोहे की रैक और खाद भरने के लिए प्लास्टिक के बैग रखे गए है. इस तरह की खेती के लिए तापमान का सही होना बेहद जरूरी है. खेती के पहले 15 दिनों तक तापमान 25 से 22 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए और वहीं अगले 15 दिनों तक तापमान 22 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. बाकी 35 से 40 दिनों के बीच तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए.