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Updated on: 22 August, 2022 12:47 PM IST
जमीन की अमृत खाद

हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो अपने हुनर से खेती कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं और साथ ही वह नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अपनी बंजर जमीन को खेती करने के योग्य बना रहे हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक भारतीय किसान के बारे में बताएगे, जिन्होंने अपनी मेहनत और उन्नत तकनीक को अपनाकर जैविक खाद को तैयार किया है.

इसके इस्तेमाल से किसान ने बंजर जमीन को भी हरा-भरा बना दिया है. आपको बता दें कि यह कहानी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निकट धमधा गांव के रहने वाले युवा कृषि उद्यमी योगेश कुमार सोनकर की है. इनका कहना है कि जैविक खाद का उपयोग खेतों में करने से धान, गेहूं, फल और सब्जी इत्यादि की पैदावार में करीब 20 प्रतिशत तक की बढ़त होगी और साथ ही इस खाद के इस्तेमाल से 50 प्रतिशत तक पानी की भी बचत होती है.

खाद जमीन का अमृत (Nectar of the soil)

किसान योगेश ने बता कि उसने इस खाद को पोटेशियम बेस्ड सेलूलोज (कोशिकारस) और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) के इस्तेमाल से तैयार किया है, जिसका नाम उन्होंने एलिक्सिर यानी 'जमीन का अमृत' रखा है. उन्होंने यह भी बताया है कि इस खाद में गोबर के रस (हुमिक एसिड) व समुद्री घास (सीवीड एक्स्ट्रेक्ट) और अन्य सूक्ष्म तत्वों का मिश्रण मौजूद है.

इस खाद के फायदे (Benefits of this fertilizer)

  • यह खाद अपने वजन से करीब 200 से 300 गुना तक का पानी अवशोषित कर सकती है.

  • इस खाद को फसल में केवल एक बार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से तकरीबन 3से 4 किलो डाला जाता है.

  • यह खाद पौधों के पोषक तत्वों पहुंचाने में मदद करता है.

क्यों किया जमीन का अमृत को तैयार (Why did you prepare the nectar of the land?)

योगेश के मुताबिक, देशभर में ज्यादातर किसान अपनी बंजर भूमि को लेकर परेशान रहते हैं और कुछ किसान तो फसल के खराब व अच्छी फसल नहीं होने के कारण आत्महत्या भी कर लेते हैं. इन सब परेशानी को देखते हुए योगेश ने इस खाद को तैयार किया है, जिसे तैयार करने में उन्होंने तीन साल की कड़ी मेहनत लगाई है. वह यह भी बताते हैं कि उन्होंने खाद को तैयार करते समय कई बार प्रयोग किया और अंत में इस खाद से खेतों में पानी रोकने के साथ बंजर जमीन को भी हरा भरा बनाने में मददगार साबित हुई.

ऐसे पहुंची खाद लोगों के पास (manure reached the people like this)

खाद को तैयार करने के बाद योगेश ने खुद खाद कंपनियों से जाकर संपर्क किया और बाद में इंदिरा गांधी कृषि विवि ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस खाद का नाम चयन किया गया. इसके बाद किसान योगेश को 12 लाख रुपए स्वीकृत किए गए और साथ ही उन्होंने दो नेशनल स्टार्टअप प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया.

इसके बाद योगेश की मदद के लिए कई कंपनियां आगे आई. इसी क्रम में साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थाईलैंड में 5 और उत्पाद को लांच किया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान समय में योगेश खुद अपने ही गांव में रहकर गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे है.

खाद की कंपनी खोली (Fertilizer company opened)

अपने खाद के प्रयास में सफलता मिलने के बाद किसान योगेश ने नेचर वाल बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड और नेचर वाल नेचुरल वाटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसमें खाद को तैयार किया जाता है. उनकी कंपनियों में 14 तरह के खाद को तैयार किया जाता है. हालही में उन्होंने अपनी कंपनी से वार्षिक टर्नओवर ढाई करोड़ रुपए तक प्राप्त हुआ है.

उनका कहना है कि उनके द्वारा तैयार किए गए खाद को बंजर जमीन (barren land) में डालने से तीन महीने में हरा भरा बनाया जा सकता है. यह खाद खेत में रोगों, कीटों से लड़ने के लिए पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास सही तरीके से होता है.

English Summary: The barren land will also become green from the nectar of the land
Published on: 22 August 2022, 12:55 PM IST

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