Success Story: भारत के किसान पारंपरिक खेती से हट कर गैर पारंपरिक खेती में अपना हाथ अजमा रहा रहे हैं, और सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं. अधिकतर किसान फलों की खेती करना पंसद करते हैं, क्योंकि इनसे कम समय में अधिक कमाई की जा सकती है. विजयनगर जिले के हूवीनहडगली के कालवी गांव में एक बड़े संयुक्त परिवार के किसान ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करके सफलता हासिल की है. 65 वर्षीय किसान शिवनागप्पा बणकार ने प्रथम श्रेणी तक पढ़ाई की और गरीबी की वजह से कृषि में जुड़ गए. उनकी आय कम थी क्योंकि परिवार मकई और अन्य फसलों की खेती कुल 5 एकड़ भूमि पर किया करते थें. स्नातक की पढ़ाई को अधूरा छोड़ने वाले पुत्र प्रकाश बणकार ने बागवानी विभाग के अधिकारियों के प्रोत्साहन से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, जिससे आज परिवार की आय दोगुनी हो गई है.
उन्होंने अपनी 2.5 एकड़ जमीन पर जैविक खाद डालकर अच्छी तरह से जुताई की और अप्रैल 2021 में हैदराबाद से ड्रैगन फ्रूट के चमकीले लाल-गुलाबी टुकड़े लाए और 985 खंभों में 4000 लटाएं लगई. उन्होंने खंभे से खंभे को 8 फीट और कतार से कतार 12 फीट तक फैलाये. इन लटाओं को हर 2 से 3 महीने में निषेचित किया जाता है और साप्ताहिक रूप से पानी दिया जाता है.
6 लाख रुपये मुनाफा
बागवानी विभाग द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत गड्ढा खोदने और बेल प्रवर्धन के लिए 1.28 लाख रुपये का भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में और पौधे खरीद, परिवहन, खाद आदि के लिए 77,581 रुपये और बोरवेल को 33,000 रुपये की मंजूरी दी है. बागवानी अधिकारियों से तकनीकी सलाह और मार्गदर्शन के साथ ड्रैगन फार्मिंग प्रथाओं का पालन करते हुए 12 महीनों के भीतर पैदावार शुरू हो गई है. अब तक 15 टन ड्रैगन फ्रूट की उपज से 6 लाख रुपये मुनाफा प्राप्त हुआ है. फल विक्रेता सीधे बागों से ड्रैगन फ्रूट 130 से 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं.
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कई बीमारियों की दवा
बागवानी विभाग के प्रोत्साहन से हूवीनहडगली तालुक के कालवी, इटिगी, कोमारनहल्ली तांडा, मीरकोर्नहल्ली, महाजनदहल्ली, होललू और लिंगनायकनहल्ली के किसान भी इस विदेशी फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है. बागवानी विभाग के अधिकारियों की राय है कि यह स्वादिष्ट फल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ कई बीमारियों की दवा का भी काम करता है.
प्रतिवर्ष 10 लाख आमदनी की उम्मीद
किसान प्रकाश बणकार ने कहा, ड्रैगन फ्रूट की खेती से पहली उपज मिलने के बाद पूरे परिवार में खुशी और शांति आई. इस फल की खेती के लिए कम पानी और कम समय में अच्छी उपज मिलती है. इसकी एक बार खेती करके निरंतर 20 से 25 वर्षो तक फसल प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने ने कहा, बागवानी विभाग ने इसकी खेती के लिए पूरा समर्थन दिया है. प्रकाश बणकार ने कहा कि, ड्रैगन फ्रूट की खेती से प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है.