Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 December, 2023 2:45 PM IST
प्रगतिशील किसान अंगद सिंह कुशवाहा

आप सब लोगों ने सफल किसान बहुत से लोगों को देखा होगा. लेकिन आज हम आपको ऐसे एक किसान के बारे में बताएंगे, जो खेती-किसानी करके हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं. जिन किसान की हम बात कर रहे हैं, वह गांव करारी, जिला कौशांबी, उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रगतिशील किसान अंगद सिंह कुशवाहा है. बता दें कि यह बचपन से ही खेती से जुड़े हुए हैं. अंगद सिंह कुशवाहा के अनुसार, मेरा परिवार पहले से खेती करता आ रहा है. वहीं, उनकी मुख्य फसल केला है. साथ ही ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ में जिले को केले को स्थान मिला है.

अंगद सिंह कुशवाहा बताते हैं कि, मेरे पिता जी ने 1986 में केले की खेती/Banana Cultivation की शुरुआत कर जिले में सबसे पहले केला की खेती करने वाले किसान बने. मैंने 1996 में 12वीं किया और 12वीं करने के बाद मैं भी अपने पिताजी के साथ केले और आलू की खेती करने लगा.

केले की खेती से बदली किसान की किस्मत

किसान अंगद सिंह कुशवाहा ने बताया कि मेरे पिताजी ने किराए पर जमीन लेकर खेती की शुरुआत की थी. पहले तो वह परंपरागत फसलों की खेती/ Cultivation of Traditional Crops करते थे. उसके बाद बागवानी में नींबू, करोंदा और फिर पपीते की करने लगे थे. हालांकि, आगे चलकर वह पपीते की खेती छोड़कर केले की खेती करने लगे. केले की खेती के लिए मेरे पिताजी ने जानकारी प्राप्त की. क्योंकि, हमारे जनपद में केला होता नहीं था. लेकिन फतेहपुर जनपद में केला होता था, लेकिन वहां भी केले का बहुत ज्यादा रकबा नहीं था.

अंगद सिंह कुशवाहा ने बताया कि कोई किसान थे जो पौध लाए थे. वही, उसको बार-बार रिपीट कर बुवाई कर रहे थे, तो हमारे पिताजी उनके पास पहुंचे. वहां पहुंचने पर उन्होंने बताया कि अगर आप भुसावल जाएंगे, तो वहां से आपको अच्छी क्वालिटी के पौध आसानी से मिल जाएगा. इसी के चलते पिताजी भुसावल चले गए. लेकिन वहां ऐसी स्थिति नहीं थी कि आसानी से केले के बीज मिल जाएं. लेकिन बड़े प्रयास के बाद वहां से एक गाड़ी बीज लेकर आए. वहां के किसानों ने उन्हें बताया कि अगर वह इन्हें जून महीने में अपने खेत में लगाते हैं, तो अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा. इस तरह से पहले ही वर्ष हमारे पिताजी ने 12 बीघा केले की खेती की शुरुआत की और अच्छा मुनाफा हुआ. तब से लेकर आज तक हम लोग केले की खेती कर रहे हैं .

किसान को हर साल 40 लाख रुपये का मिल रहा मुनाफा

आगे उन्होंने बताया कि जब हमारा जनपद कौशांबी बना और जब सरकार ने खेती पर ध्यान दिया तो केले के पौधे पर अनुदान भी मिलने लगा. आज के समय में हम तीनों भाई अपनी 100 बीघा जमीन पर केला, आलू और पपीते की खेती करते हैं. किसान अंगद सिंह ने बताया कि वह लगभग 20 एकड़ में केले की खेती हर साल करते हैं. इसी क्रम में एक साल में आलू और दूसरे साल में केला की खेती भी लगभग 20 एकड़ में करते हैं.

ये भी पढ़ें: कहानी भारत के ‘लेमन मैन’ की, खेती के लिए नौकरी छोड़ी तो सभी ने बनाया मजाक, आज बागवानी से कमा रहे लाखों का मुनाफा

प्रगतिशील किसान अंगद सिंह कुशवाहा के अनुसार, अगर लागत और मुनाफे की बात करें तो मौजूदा वक्त में पूरी खेती को मिलाकर देखा जाए तो मेरी सालाना लागत 20 से 25 लाख रुपये तक है और वहीं बाजार में रेट अच्छा होता है, तो बिक्री 50 से 60 लाख रुपये तक हो जाती है यानी मुझे सालना 40 लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है.

English Summary: progressive farmer angad singh Kushwaha earning lakhs from banana and potato cultivation banana farming kele ki kheti
Published on: 18 December 2023, 02:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now