यदि कुछ अलग करने का जुनून हो तो फिर कोई भी बिजनेस छोटा या बड़ा नहीं होता है. बिहार के पटना के अभिजीत नारायण ने आज नर्सरी के बिजनेस से अपनी एक अलग पहचान बना ली है. नर्सरी के बिजनेस से पहले अभिजीत कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर चुके थे. लेकिन कुछ अलग करने की चाह में अभिजीत ने 25 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ खुद का नर्सरी स्टार्टअप शुरू किया. तो आइए जानते हैं नर्सरी के बिजनेस के फायदे और चुनौतियां.
2016 में शुरू किया स्टार्टअप
मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर अभिजीत ने साल 2016 में अपना नर्सरी स्टार्टअप ग्रीन शेल्टर के नाम से शुरू किया. अभिजीत का कहना है कि हमने स्टार्टअप शुरू करने से पहले ही यह तय किया था कि हम कस्टमर को प्लांट से जुड़े प्लान सेल नहीं करेंगे बल्कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे. हम चाहते थे कि लोग अपनी हेल्थ के प्रति सचेत हो और प्लांट के महत्व को समझे. हमारा मकसद कस्टमर को प्लान सेल करने की बजाय उसे सर्विस देना है. हम पर्यावरण के करीब रहकर ही उसके महत्व को समझ सकते हैं.
नर्सरी स्टार्टअप का लक्ष्य
अभिजीत का कहना है कि हम कस्टमर की जरूरत को समझकर ही उन्हें प्लांट बेचते हैं. जैसे सामान्यतः शहरों में धूप की समस्या होती है. उन्हें हम इंडोर प्लान के बारे में बताते हैं. वे अपने घर में ऐसे पौधे लगा सकते हैं जिन्हें धूप की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन वे ऑक्सीजन की पूर्ति करने में मददगार होते हैं. हम कस्टमर से पहले ही पूछ लेते हैं कि वे फल वाला प्लांट लगाना चाहते हैं या फूल वाला या फिर साज सज्जा वाले प्लांट लगाना चाहते हैं.
क्या चुनौतियां है इस फील्ड में
किसी भी स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी समस्या फंड की आती है लेकिन मैंने इसे मैनेज कर लिया. हालांकि यह फील्ड मेरे लिए एकदम नई थी इसलिए मुझे इसके बारे में जानकारी बहुत चाहिए थी. वो मुझे आसानी से नहीं मिल पा रही थी. मुझे कई लोगों ने मदद की लेकिन सही जानकारी के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जहां तक इस फील्ड की बात कि जाए इसमें काफी स्कोप है. अभी इस क्षेत्र में ज्यादा काम हुआ ही नहीं है. वहीं आर्गेनिक सब्जियों की बहुत डिमांड है. लोग आर्गेनिक सब्जियों के लिए एक्स्ट्रा पैसे देने को तैयार हैं लेकिन सप्लाई नहीं है.
बच्चों के लिए खास किट
उनका कहना है कि बच्चों और युवाओं को पर्यावरण के बारे में किताबों में काफी कुछ पढ़ाया जाता है लेकिन हम उन्हें प्रैक्टिकली बताना चाहते थे. इसके लिए हमने गार्डनिंग लर्निंग किट तैयार किया. इस किट में कोको पीट है जिसका उपयोग मिट्टी की जगह किया जाता है. इसके साथ में हम गार्डनिंग टूल्स देते हैं जिसका उपयोग बच्चे मिट्टी में कर सकते हैं. वहीं किट के साथ दो सीड पैकेट भी दिए जाते हैं. जिसमें खीरा और पालक का बीज होता है. एक ब्रोसर होता है जिसमें बीज को उगाने और उसकी देखभाल के तरीके आसान भाषा में होते हैं.