खेती में मिसाल कायम करने वाले कई लोग हैं, जिन्होंने खेती को मुनाफे का सौदा साबित करके बताया हैं. साथ ही कुछ किसानों ने अपनी तीव्र बुद्धि क्षमता का परिचय देते हुए फसलों की नई किस्मों को ईज़ाद करने में सफलता हासिल की हैं. ऐसे ही सफल किसान है नरेन्द्र मेहरा, जिन्होंने गेहूं की नयी किस्म विकसित की है. क्या है वो नयी किस्म और क्या हैं इस नयी किस्म की खासियत जानने के लिए पढ़िएं इस लेख को.
दरअसल, नैनीताल के एक किसान नरेन्द्र मेहरा ने गेंहू की एक नयी किस्म को विकसित किया है. इस नई किस्म को विकसित करने वाले किसान नरेंद्र सिंह मेहरा को भारत सरकार की तरफ से मान्यता मिल गई है. यह बीज पूरी तरह से जैविक भी है. और यह कम लागत में किसानों को ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्म है .
क्या है इस किस्म की खासियत –What is the specialty of this variety
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इस किस्म में दूसरे गेहूं के मुकाबले कल्ले अच्छे निकलते हैं.
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इस किस्म में बीज कम लगते हैं,
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इस किस्म का पौधा काफी मजबूत होता है.
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इस किस्म की फसल तेज हवा और बारिश में गिरती नहीं है .
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इस किस्म की फसल की बालियों में दाने बहुत अच्छे आते हैं,
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इस किस्म की बाली में 90-95 बीज पाएं जाते हैं, अन्य किस्मों की बाली में 50 - 60 बीज पाएं जाते हैं.
कैसे परीक्षण किया –How to test
किसान नरेन्द्र मेहरा ने कुछ समय पहले आरआर- 21 किस्म का गेहूं लगाया था. एक दिन उन्हें अपने गेहूँ के खेत में अलग तरह का गेहूं का पौधा दिखाई दिया जो देखने में अलग था और उसकी बालियां भी अलग थीं. जिसे उन्होंने संचितकर उस पर परीक्षण शुरू किया और उसका बीज तैयार किया. शुरुआती दौर में नरेंद्र ने 09 गेहूं को अन्य किसानों के खेतों में परीक्षण के तौर पर बोया और उसकी विशेषताओं को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट के सहयोग से जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में परीक्षण के तौर पर बोया.
जाने कहाँ – कहाँ बोया गया –where it was sown –
इस किस्म को हरियाणा, यूपी के साथ ही राजस्थान में भी बोया गया. हर जगह पर इससे अच्छी उपज मिली है.
उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि –Big achievement for Uttarakhand –
नरेंद्र सिंह मेहरा की पहचान एक सफल किसान के रूप में है, जिन्होंने गेहूं की नयी किस्म नरेंद्र 09 को विकसित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह खोज किसान की आय को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी. यह सिर्फ किसान नरेंद्र के लिए ही नही बल्कि प्रदेश और कृषि विभाग के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है.
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