खेती (Farming) की तकनीक समय के साथ बदल रही हैं. किसानों के लिए उपज को समृद्ध, अधिक लाभ और आय को दोगुना करने के लिए नई तकनीकों (New Techniques) को अपनाना जरूरी है. इसके चलते हरियाणा के रोहतक के मदीना गांव (Madina Village, Rohtak, Haryana) के निवासी राधेश्याम भारद्धाज (Radheshyam Bharadwaj) ने एक मिसाल कयाम की है. दरअसल, वह बहुफसलीकरण (Multiple Farming) कर दूसरे किसानों के लिए एक मिसाल कायम कर रहे हैं.
समय और जमीन की कीमत (Time and cost of land)
आपको बता दें कि राधेश्याम भारद्धाज ने शिमला मिर्च और घीया की खेती एक साथ कर लाखों का मुनाफा कमाया है और कमाएं भी क्यों ना, क्योंकि जिस तरह से समय की कीमत होती है, उसी तरह ही जमीन की कीमत भी होती है, इसलिए उसका अच्छी तरह उपयोग करना चाहिए.
क्या है बहुफसलीय खेती? (What is Multicrop Farming?)
विज्ञान ने सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए फसलों की कटाई की कई नई तकनीकों का आविष्कार किया है, उनमें से एक बहु-फसल भी है. ऐसे में फसल उगाने और फसल काटने के लिए नई कटाई तकनीकों का सबसे अच्छा उदाहरण बहु फसल है.
शिमलामिर्च और घीया की खेती (Cultivation of capsicum and ghee)
राधेश्याम जी ने दावा है कि इस प्रकार के बहुफसलीकरण से किसान महज 4 माह के अंतर्गत प्रति एकड़ तीन लाख तक का लाभ उठा सकते हैं. राधेश्याम के मुताबिक, उन्होंने करीब दो महीने पहले दो एकड़ में घीया और शिमलामिर्च की फसल लगाई है और घीया की फसल में बांस तार विधि का प्रयोग किया गया है.
बता दें कि बेल वाली फसले बांस तार विधि से लगाने पर बागवानी विभाग की ओर से किसानों को हजारों रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी मुहैया कराई जाती है.
कैसे कमाएं मुनाफा (How to earn profit)
राधेश्याम के मुताबिक, दो एकड़ में 2 तरह की फसल लगाने से किसानों को डबल आमदनी प्राप्त हो सकती है. सरकार भी इस तरह की खेती के लिए तरह-तरह की योजना लाती रहती है. तो ऐसे में किसान जागरूक होकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
बहुफसली खेती के लाभ (Benefits of Multicrop Farming)
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बहु फसल प्रणाली न केवल मिट्टी के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह किसान के साथ-साथ देश के लिए भी फायदेमंद है.
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यह मिट्टी के उपयोग का एक बेहतर स्रोत है.
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यह उपज में सुधार करता है.
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प्रति इकाई भूमि उपज में वृद्धि होती है.
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फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है.
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निर्यात में वृद्धि होती है.
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विदेशी मुद्रा के भी रास्ते खुल जाते है.
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व्यक्तिगत फसल उगाने की लागत की तुलना में इनपुट की लागत घट जाती है.
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कीट और रोग के हमले को कम होते है.
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एक बार में विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उत्पादन किया जा सकता है.
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यह एक परिवार के लिए संतुलित आहार तैयार करने में मदद करता है.
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यह मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करता है.
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यह खरपतवारों को नियंत्रित करने में मदद करता है.