किसानों के लिए खुशखबरी! नर्सरी लगाने पर राज्य सरकार दे रही प्रति हेक्टेयर 10 लाख रुपए तक अनुदान, जानें शर्तें और आवेदन प्रक्रिया जैविक खाद और बायो गैस प्लांट पर किसानों को मिलेगा 22,500 रुपए तक का अनुदान, राज्य सरकार ने शुरू की 3 नई योजनाएं Patwari Recruitment: पटवारी के 3705 पदों पर भर्ती, 6 जुलाई से पहले ऐसे करें आवेदन, जानें पात्रता और परीक्षा पैटर्न किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 July, 2019 7:52 PM IST

28 डिग्री से कम तापमान में भी 4 गुना से ज्यादा अब झींगा मछली की आसानी से पैदावार होने लगी है. हरियाणा के झाझखेंड़ा गांव के प्रदीप कुमार ने इस तरह से झींगा मछली का उत्पादन करके सभी को चौंका दिया है. उन्होंने झींगा मछली को घरेलू नुस्खे जैसे कि लहसुन और हल्दी की मदद से जीवित रखने का कार्य किया है. बता दें कि झींगा मछली को जीवित रहने के लिए 29 से 33 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.

ऐसे हो रहा झींगा उत्पादन

प्रदीप ने इसकी शुरूआत सर्दियों में की थी. तब शुरूआत में सभी ने उनको टोकना शुरू कर दिया था. उन्होंने 4 हेक्टेयर जमीन में कुल 10 तालाब बनाए है. उन्होंने चार हजार वर्ग मीटर के हर तालाब के हिसाब से इनमें पांच-पांच फीट पानी भरकर झींगा मछली के बीज को डाला. साथ ही तालाब के नीचे तापमान को संतुलित करने के लिए एक विशेष प्रकार का यंत्र भी लगाया. इसके अलावा तालाब की तली तक आक्सीजन पहुंचाने का विशेष तरह का इस्तेमाल किया गया है. लहसुन और हल्दी के एंटिबायोटिक गुड़ की वजह से मछलियां बीमार होने से बच गई है.

एक एकड़ में 4 लाख झींगा

अगर हम झींगा उत्पादन की बात करें तो एक एकड़ के तालाब में एक से डेढ़ लाख मछलियों की पैदावार होती है. प्रदीप  की मेहनत और विशेष तकनीकी की वजह से 4 गुना ज्यादा करीब 4 लाख मछलियों की पैदावार कुल एक एकड़ तालाब में होती है. इसके लिए प्रदीप ने केंद्र सरकार के मत्स्य प्रशिक्षण संस्थान और रोहतक के लहाली गांव के सेंटर से विशेष ट्रेनिंग ली है.

इस तरह पैदा होती झींगा

झींगा मछली ज्यादातर समुद्री क्षेत्रों में ही होती है. झींगा मछली को बढ़ने के लिए खारे पानी की जरूरत होती है. खारे पानी का स्तर 5 पीपीटी से लेकर 25 पीपीटी तक होना चाहिए. झींगा मछली 33 डिग्री के तापमान तक आसानी से जीवित रहती है. इनके बीजों को तटीय क्षेत्रों की नर्सरी से मंगवाया जाता है. इनको लाने का तरीका भी काफी संवेदनशील होता है. जबकि नियंत्रित तापमान में इनको 8 से 10 घंटों के अंदर थर्माकोल के विशेष डिब्बे में लाया जाता है.

सम्बन्धित खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें !

इस राज्य में झींगा पालन के लिए सरकार देती है 50% सब्सिडी, कमाई भी लाखों मे है

English Summary: Lobster production is getting better earning
Published on: 08 July 2019, 07:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now