झारखंड़ के युवा किसान रंजीत कुमार से पशुपालक और किसानों को सीख लेनी चाहिए. इस युवा किसान ने कई महानगरों में नौकरी की तलाश की, लेकिन इतनी भागदौड़ के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद नौकरी की चाह छोड़कर पशुपालन से नाता जोड़ लिया. किसान ने मछली उत्पादन का व्यवसाय शुरू कर दिया. अच्छी बात है कि जब कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी धंधों में मंदी आ गई, तब रंजीत और उनके साथियों ने मछली व्यवसाय से लगभग 14 लाख रुपए की कमाई की है.
कई साल पहले की मछली पालन की शुरुआत
झारखंड के धनबाद के लायोबाद में रहने वाले रंजीत कुमार पिछले 8 से 9 सालों से मछली पालन कर रहें हैं. उन्होंने जिला मत्स्य विभाग से जुड़कर लगभग 24 तालाबों में मछली पालन का टेंडर ले रखा है. किसान का कहना है कि मछली उत्पादन से लॉकडाउन में भी बहुत अच्छा मुनाफ़ा मिला है. उन्होंने धनबाद के कई तालाबों से मछली बेचकर लगभग 14 लाख रुपए कमाएं हैं. इतना ही नहीं, उनके साथ मछली पालन में लगभग 30 लोग जुड़े हुए हैं. यह सब मिलकर कई तरह की मछलियों का पालन करते हैं. किसान का मानना है कि मछली पालन का व्यवसाय बहुत फायदेमंद होता है. किसान और पशुपालक इस व्यवसाय से बेहतर मुनाफ़ा प्राप्त कर सकते हैं.
पिछले साल की तुलना में बेहतर उत्पादन
बताया जा हहा है कि इस साल मछलियों का उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा अच्छा मिला है. साल 2018-19 में 12 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ, तो वहीं साल 2019-20 में 13 हजार 600 मीट्रिक टन उत्पादन मिला है. यह मत्स्य पालकों की मेहनत से मुमकिन हो पाया है. आइए आपको बताते हैं कि जिले में कहां और कितने तालाब से मछली उत्पादन किया जाता है.
कहां-कितने तालाब
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धनबाद 11
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झरिया 06
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बलियापुर 11
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पूर्वी टुंडी 27
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बाघमारा 37
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तोपचांची 82
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टुंडी 99
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गोविंदपुर 102
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निरसा 117
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एग्यारकुंड 117