वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 February, 2022 12:30 PM IST
ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती से कमा रहे अच्छा मुनाफा

देश में अब युवाओं का रुझान कृषि के क्षेत्र में बढ़ रहा है. युवा अब कृषि क्षेत्र में  कई स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप (Startups In Agriculture) युवाओं की ज्यादा रूचि बढ़ रही है. आज के युवा अच्छी तनख्वाह और नौकरी को छोड़कर खेतों की ओर रुख कर रहे हैं.

युवाओं के कृषि के क्षेत्र में आने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस क्षेत्र में नई तकनीक और तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे कृषि के क्षेत्र में नए अवसर मिल रहे हैं. ऐसे ही एक ऐसा स्टार्टअप झारखंड की राजधानी रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड में एक युवक ने शुरू किया है और बेहद आधुनिक तरीके से ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) शुरू की है,साथ ही उन्होंने स्ट्रॉबेरी और केले की खेती कर भी कर रहे हैं.

बता दें कि गौतम एक मल्टीनेशनल कंपनी नौकरी करते थे, लेकिन उनकी रूचि खेती करने में थी और अधिक आय कमाने की चाह में उन्होंने यह स्टार्टअप शुरू किया. गौतम बताते हैं कि रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के बथवाल गांव में रूक्का बांध के किनारे दिब्यार्थी गौतम का खेत हैं.  जहाँ करीब पांच एकड़ के क्षेत्र में फैले इस फार्म में केला, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, एवोकाडो और मटर की खेती करते हैं. इसके अलावा गौतम फार्म में मछली पालन का भी कार्य करते हैं. उन्होंने बताया कि वे बायोफ्लोक तकनीक से मछली पालन कर रहे हैं. इसके अलावा गाय पालन की भी तैयारी की जा रही है, जिससे जैविक खेती के लिए खेत में खाद आसानी से उपलब्ध हो सके.

इसे पढ़ें - UPSC की तैयारी छोड़ शुरू की मशरूम की खेती, अब सालाना कमा रहे 10 लाख रुपए

निवेश बैंकर से किसान तक का सफर (Journey From Investment Banker To Farmer)

खेत के संचालक दिव्यार्थ गौतम का कहना है कि खेती शुरू करने से पहले वह मुंबई में एक निवेश बैंकर के रूप में काम करते थे. अपने काम के लिए वे हमेशा राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों में जाते थे.वहां खेती करते हुए देखते थे, वहां कृषि की नई तकनीकों को अपनाते हुए देखें.

इस दौरान उनके मन में खेती करने की इच्छा पैदा हुई. उसके बाद उन्होंने साल 2020 में नौकरी छोड़कर वापस आने का मन बना लिया. फिर रांची आए और ओरमांझी प्रखंड में पांच एकड़ जमीन में खेती शुरू की. यहां उन्होंने केले की खेती की. इसके साथ ही उन्होंने ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की.  

English Summary: gautam, a resident of ranchi, is earning good profits from the cultivation of dragon fruit and strawberry
Published on: 26 February 2022, 04:33 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now