महाराष्ट्र के औरांगाबाद में 11 लाख रूपये की खेती का पैकेज की नौकरी को छोड़कर मैनेजमेंट प्रोफेशनल अभिषेक फूलों की खेती से अपनी जिदंगी को संवारने का काम कर रहे है. आज अभिषेक फूलों की खेती (Flower Cultivation) करके न सिर्फ लाखों में रूपये की कमाई को कर रहे है बल्कि आसपास के सैंकड़ों किसानों को आत्मनिर्भर बना रहे है.
फिलहाल वह जरबेरा फूल और रजनीगंधा, औषधि पौधों की खेती कर रहे है. 2016 में पीएम मोदी कृषि रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किए जा चुके है. अभिषेक ने पुणे से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. उन्होंने 2007 में एचडीएफसी बैंक में 8 लाख के पैकेज पर बतौर सेल्स मैनेजर की नौकरी की है. इसके बाद 2009 में नौकरी को छोड़कर टूरिज्म कंपनी बनियान ट्री में 11 लाख के पैकेज पर बतैर प्रोजेक्ट मैनेजर ज्वाइन किया था.
अभिषेक ने महाराष्ट्र में फूलों की खेती करने वाले किसानों को देखा है जो कि बड़े पैकेज पर नौकरी करने वाले लोगों से भी जरूरत से ज्यादा खुश थे. यही बात शुरूआत में अभिषेक के दिमाग में घर कर गई और उसने अपने बिहार में खेती से लोगों की जिंदगी संवारने की ठान ली है और बाद में वह नौकरी को छोड़कर घर चले गए थे.
जरबेरा फूल से की 8 लाख की कमाई (8 lakhs earned from Gerbera flower)
कृषि विभाग से अभिषेक ने खेती के बारे मे काफी जानकारी को हासिल किया है. इसके बाद वर्ष 2012 में आठ कटठे जमीन में पहली बार एक लाख की लागत से जरबेरा का फूल लगाया है.इसमें उसे पहले ही साल चार लाख की कमाई हुई.
यह फूल से लागातर तीन साल उसने लाखों की कमाई की है.इसके बाद अभिषेक ने आर्टीमिसिया नामक औषधीय खेती की है.इस फसल से मलेरिया की दवा बनती है. वह बिहार के कई जिले छपरा, वैशाली, मधुबनी, नालंदा, जहानाबाद, पटना, गया आदि के किसानों के साथ मिलकर फूलों की खेती कर रहे है.
रंजनीगंधा की खेती से मुनाफा (Profits from Ranjanigandha cultivation)
अभिषेक कहते है कि रजनीगंधा की खेती काफी फायदेमंद होती है. रजनीगंधा की पूरे देशभर में काफी डिमांड है. उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर में रजनीगंधा फूल की खेती करने में दो लाख फूल के बल्ब लगता है जिसमें लागत करीब डेढ़ लाख रूपए लागत आएगी.इससे काफी अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है.