सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 September, 2019 5:46 PM IST
आयुर्वेदिक औषधीय पौधों का भंडार

राजस्थान के ताल छापर की शमशान भूमि आयुर्वेदिक औषधीय पौधों का भंडार है. वैसे तो राजस्थान के चुरू जिले का ताल छापर वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दुनिया भर में मशहूर है. लेकिन चुरू जिले में तालछपार के धनाराम प्रजापत ने जो कि एक पर्यावरण प्रेमी है उन्होंने समाज के लिए बेहद ही अनूठी मिसाल को पेश किया है. बता दें कि धनराम ने शमशान भूमि में इतने आयुर्वेदिक पौधों को लगाया है कि यह अपने आप में औषधियों का भंडार बन गया है.

प्रकृति से प्रेम (Nature love)

दरअसल धनराम सबसे पहले शमशान भूमि में नियमित रूप से पहुंचकर पक्षियों के लिए दाने को डालते थे. फिर उनको शमशान में सूखे पौधे नजर भी आए है. बाद में उन्होंने सूख रहे पौधों को पानी भी देना शुरू कर दिया है. धनाराम प्रजापत पेशे से दुकानदार है लेकिन वह बचपन से ही पर्यावरण से प्रेम करते थे. उनके मुताबिक वह पेड़ पौधों का वह उनसे इतना ही प्यार करते है, जितना की इंसानों से.

कई तरह के है औषधीय पौधें (There are many types of medicinal plants)

मुक्तिधाम में अपामार्ग, हरश्रृंगार, पारस, पिंपल, गोखरू, अश्वगंधा,पुर्नगवा, गिलोय,नीम, ग्वारपाठा, चमेली, तुलसी गुडल, नागचंपा नीम, खारा समेत कई तरह के औषधीय पौधे लगाए है. जो कि सालों बाद काफी बड़े पेड़ बनने लगे है. उन्होंने बताया कि अनेकों आयुर्वेद चिकित्सक यहां पर पहुंचते है और उपयोगी औषधीय पौधे निशुल्क ले जाते है.

औषधीय कार्य पर हुई प्रशंसा (Appreciation for medicinal work)

धनाराम ने शमशान भूमि में कुल 60 औषधीय पौधों को लगाया है जिससे लोगों को आयुर्वेद का फायदा मिल सकें. वही इलाके के सरकारी और निजी आयुर्वेदिक चिकित्सक इन सभी औषधीय पौधों को देखने पहुंचने लगे है. 

यह खबर भी पढ़ें: Mentha Cultivation: यूपी के किसान पिपरमेंट की खेती से बढ़ा रहे अपनी आमदनी, जानिए कैसे?

यहां तक कि कुछ चिकित्सक पौधे लेकर भी गए है. उनके इस कार्य की काफी लोग प्रशंसा करने लगे है. धनाराम जी का यह प्रयास काफी अनुकरणीय है. इससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए. जबकि आयुर्वेदिक चिकित्सक कहते है कि इसके सहारे पौधे निश्चित रूप से आयुर्वेदिक औषधियां बनती है. इससे काफी लोग प्रभावित हुए है.

English Summary: Farmers did wonders by growing medicinal plants in the crematorium
Published on: 06 September 2019, 05:49 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now