खेती में मिसाल कायम करने वाले कई लोग हैं, जो आज के समय में खेती से बहुत अच्छा लाभ कमा रहे हैं. ऐसा ही एक नाम राम सरन का है, जो एक प्रगातिशील किसान हैं. दरसअल, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में केले की खेती (Banana Cultivation) का बड़ा हब है, जहां लगभग 600 हेक्टयर भूमि में केले की खेती (Banana Cultivation) की जाती है.
इसमें टिशू कल्चर पौधे लगाए जाते हैं, तो वहीं एक एकड़ में लगभग 1200 केले के पौधे लगते है. इससे लगभग 3 हजार किसान जुड़कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. इसमें प्रगतिशील किसान राम सरन भी शामिल हैं. बता दें कि राम सरन को उन्नत खेती के लिए राष्ट्रपति द्वारा पदमश्री का अवार्ड भी मिल चुका है. इससे बाराबंकी जिले का नाम खूब रोशन हुआ है.
शुरू की केले की खेती (Banana cultivation started)
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर भारत में केले की खेती (Banana Cultivation) की पहली शुरुआत बाराबंकी जिले से हुई है. प्रगातिशील और पदमश्री किसान रामसरन दौलतपुर गांव में सैकड़ों एकड़ जमीन में केले की खेती कर रहे है. इस बार केले की अच्छी पैदावार हुई है. उन्होंने परंपरागत खेती छोड़ वर्ष 1988 में केले की खेती की शुरू की. इसमें पहली बार में ही काफी अच्छा मुनाफा हुआ.
केले की खेती कब होती है? (When is Banana Cultivated?)
जून-जुलाई में केले की खेती (Banana Cultivation) करने का सही समय होता है. एक एकड़ में लगभग सवा लाख रुपए तक का खर्च आता है और मुनाफा भी लगभग 3 लाख के बीच में मिल जाता है. केले की फसल लगभग 14 महीने में तैयार हो जाती है.
केले की खेती से लाभ (Benefits of banana cultivation)
किसानों का कहना है कि परंपरागत खेती छोड़ केले की खेती (Banana Cultivation) की शुरुआत करने से लाखों रुपए का लाभ मिला. इस बार एक एकड़ में केले की खेती (Banana Cultivation) करने से एक से सवा लाख रुपए तक का लाभ मिला है. अच्छी बात यह है कि यहां व्यापारी आकर केले की फसल खरीदते हैं, वैसे इसका बाजार लखनऊ, दिल्ली, हरियाणा समेत कई जगह है.
आपको बता दें कि पहले भारत में केले की खेती (Banana Cultivation) सिर्फ तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में होती थी. यूपी में केले की खेती नहीं होती थी. किसान राम सरन को देखकर आज सैकड़ों किसान पूरे यूपी में केले की खेती कर रहे हैं.