Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 23 September, 2020 7:36 PM IST
Arhar Crop

देसी अरहर की सफल खेती करके मध्य प्रदेश के सफल किसान आकाश चौरसिया ने एक मिसाल कायम की है. उनके इस तरीके को देखने अन्य राज्यों के किसान भी आ रहे हैं. दरअसल, चौरसिया देशीअरहर की एक बार बुवाई करते हैं फिर उससे पांच साल तक उपज लेते हैं. वहीं इस दौरान वे दूसरी फसल भी उसी खेत ले लेते हैं. उनका यह फॉर्मूला काफी सक्सेस हो गया है. नतीजतन, अन्य राज्यों के किसान भी उनसे देशी अरहर की खेती की बारीकियां सीखने आ रहे हैं. वे एक साल में अरहर की 15 से 18 क्विंटल तक की उपज लेते हैं. आइए जानते हैं देशी अरहर की सफल खेती कैसे करें-

बीज बुवाई

आकाश चौरसिया का कहना है कि देशी अरहर को नर्सरी या डायरेक्ट खेत में लगा सकते हैं. लेकिन यदि नर्सरी तैयार करके इसकी खेती की जाए तो पैदावार अधिक होती है. सालभर में 2 क्विंटल तक इजाफा होता है. यदि आप नर्सरी के जरिए खेती करना चाहते हैं तो अप्रैल या मई महीने में नर्सरी तैयार कर लें. इसके बाद जुलाई में इसकी बुवाई कर दें. वहीं यदि सीधे खेत में बोना चाहते हैं तो पहली बारिश या जून के महीने में इसकी बुवाई की जानी चाहिए.

अन्य फसलों की बुवाई

बता दें कि चौरसिया अपने मिश्रित खेती के प्रोजेक्ट के लिए जाने जाते हैं. वे कई किसानों को यह फॉर्मूला बता चुके हैं. देशी अरहर के साथ भी अन्य फसलों की खेती की जा सकती है. दरसअल, अरहर की फसल 5-5 फीट की दूरी पर लगते हैं. इस वजह से इनके बीच में काफी दूरी होती है, जिसमें सब्जियों या अन्य किसी फसल की बुवाई की जा सकती है. छायादार फसल इसमें सालभर तक ली जा सकती है. अरहर की फसल के लिए तापमान की बात करें तो फूल लगते समय 20 से 25 डिग्री तक होना चाहिए. जो अक्टूबर और नवंबर महीने में समान्यतः  मिल जाता है. जनवरी तक पहले साल की फसल तैयार हो जाती है. दूसरे तापमान की जरूरत फरवरी मार्च में पड़ती है. अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक इसकी दूसरी कटाई की जा सकती है. दोनों कटाई के बाद इसमें सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती है. बता दें खेत में अरहर की जो पत्तियां गिरती है वे डीकम्पोज होकर खाद का काम करती है.

कमाई कितनी होती है?

पांच साल तक किसान अरहर का अच्छा उत्पादन कर सकता है. एक साल में वह 15 से 18 क्विंटल की पैदावार ले सकता है. वहीं अरहर का भाव भी किसानों को अच्छा मिलता है. सरकारी भाव के अनुसार किसानों को प्रति क्विटंल पांच हजार रूपए तक मिल जाते हैं. वहीं पांच साल बाद इससे पांच छ  कुंतल लकड़ियां भी किसानों को मिल जाती है. जिसे बेचकर भी वह पैसा कमा सकता है. वहीं किसान सब्जियां लगाकर भी अच्छी कमाई कर सकता है. 

English Summary: cultivation method of multi year native variety of arhar
Published on: 23 September 2020, 07:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now